छत्तीसगड के सीएम रमन सिंह और उनकी कैबिनेट ने एक बड़ा अहम् फैसला लेते हुए लगभग 27 जातियों को राहत दी. दरअसल शाब्दिक और उच्चारण की गड़बड़ी में फंसे जाति प्रमाणपत्रों को लेकर छत्तीसगड के सीएम रमन सिंह ने अधिसूचित जाति समूहों को लेकर फैसला लिया. इसके तहत अब उक्त 27 जाति समूहों के 85 उच्चारण विभेदों (फोनेटिक वेल्यूज) को मान्य किया जाएगा. इससे इन जाति समूहों के राजस्व अभिलेखों और अन्य अभिलेखों में दर्ज उनकी जातियों के नामों में स्थानीय बोलियों के उच्चारण विभेदों के आधार पर जाति प्रमाण पत्र करना आसान हो जाएगा.
27 में से अनुसूचित जनजाति वर्ग के 22 समूहों के 66 उच्चारण विभेद और अनुसूचित जाति के पांच समूहों के 19 उच्चारण विभेद शामिल है. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत 42 जाति समूह और अनुसूचित जाति के अंतर्गत 44 जाति समूह अधिसूचित किए गए हैं. यह अधिसूचना भारत सरकार के राजपत्र में हिन्दी और अंग्रेजी में प्रकाशित है. चूंकि मूल रूप से यह अधिसूचना अंग्रेजी भाषा और लिपि में जारी हुई है तथा इसका हिन्दी अनुवाद सिर्फ हिन्दी अधिसूचना के रूप में जारी हुआ है.
अत: उच्चारण भेद के कारण मूल अनुसूचित जनजाति और मूल अनुसूचित जाति के लोगों को जाति प्रमाण पत्र उनकी जनजाति अथवा अनुसूचित जाति का होने के बाद भी जारी नहीं हो पा रहा था. अब इन्हें लाभ मिलेगा.
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