बाहरी श्रमिकों के राहत शिविर बने आफत, जानें क्यों
बाहरी श्रमिकों के राहत शिविर बने आफत, जानें क्यों
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भारत के राज्य महाराष्ट्र से आए झारखंड के श्रमिक प्रशासन के लिए मुसीबत बन गए हैं. इनमें रेंडम जांच में एक श्रमिक के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद दक्षिण कोरियाई किट से हुई जांच में एक सिपाही समेत दस श्रमिक पॉजिटिव चिन्हित किए गए हैं. इसमें सूरजपुर के जजावल शिविर और जशपुर जिले के शिविर में रखे गए श्रमिक शामिल हैं. अब एम्स रायपुर की जांच रिपोर्ट पर निगाहें टिकी हैं. 

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इसके बाद ही इन्हें पॉजिटिव घोषित किया जाएगा. चिंता की बात है कि राजनांदगांव जिले में श्रमिकों ने 14 दिन का क्वारंटाइन पूरा कर लिया था. इस दौरान ये करीब सात सौ लोगों के संपर्क में भी आए. इसमें पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम भी शामिल हैं. इसके बाद इन्हें झारखंड के सरहदी सूरजपुर जिले के जजावल और जशपुर जिले के राहत शिविर में रखा गया था. ऐसे में अब प्रदेश भर के राहत शिविरों में रखे गए सभी श्रमिकों की जांच कराने की तैयारी है.

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अगर आपको नही पता तो बता दे कि जिन मजदूरों को दक्षिण कोरियाई किट ने पॉजिटिव पाया है, उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिखे. क्वारंटाइन की अवधि भी पूरा किया लेकिन अब जांच किट की सुविधा उपलब्ध होने पर कराई जा रही जांच में पॉजिटिव पाए जा रहे हैं. ऐसे लोग कोरोना वायरस के साइलेंट कैरियर बन रहे हैं. इसे एम्स के विशेषज्ञ भी चिंता का सबब बता रहे हैं.

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