Feb 27 2016 11:14 AM
मुंबई : राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के संस्थापकों में से एक विनायक दामोदर सावरकर के भाई द्वारा लिखित किताब का लाख विरोधों के बीच री-लांच किया गया। इस किताब के विरोध का कारण है, इसमें इसाइयों के भगवान कहे जाने वाले ईसा मसीह को हिंदू बताना। यह किताब 70 साल पूर्व प्रकाशित हुई थी।
पहली बार यह 1946 में सामने आई थी। सावरकर की पुण्यतिथि 26 फरवरी को है, उसी दिन इसे फिर से मराठी में पब्लिश किया जा रहा है। बुक क्राइस्ट परिचय के दावों के अनुसार, ईसाई धर्म पहले हिंदू पंथ था। ईसा मसीह जन्म से एक विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। उनका असली नाम केशव कृष्ण था।
एस्सेन संप्रदाय के लोगों ने सूली पर चढ़ाए गए ईसा मसीह को बचाया था। हिमालय की चमत्कारी जड़ी बूटियों से उन्हें पुनर्जीवित किया। इसके बाद मसीह ने कश्मीर में समाधि ली और उनकी मौत हुई। पुस्तक को दोबारा लांच करने के खिलाफ इसाई संगठनों के लोगों ने विरोध की धमकी दी थी।
इसके बावजूद दादर में स्वतंत्र वीर सावरकर नेशनल मेमोरियल में शुक्रवार की शाम को इस पुस्तक का फिर से विमोचन किया गया। लेकिन किसी प्रकार का कोई प्रदर्शन नहीं हुआ।
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