Video:बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार करेंगे तो जरूर वो बनेगे देश का भविष्य
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"बचपन है इनका, मर्जियां भी हो इनकी, मत छीनो इनसे इनका ये अल्हड़पना 
खिलने दो इन कलियों को, उड़ने दो इन चिड़ियों को, सामने है इनके आसमां बड़ा"

बहुत से लोग अपनी जिंदगी में कई तकलीफों से से जूझते रहते है. तकलीफें जिंदगी में शायद किसी का साथ नहीं छोड़ती, वहीं अगर बात लड़कियों की करे तो हमारे देश में लड़कियों को ढेरों परेशानियां झेलनी पड़ती है, वहीं इन चीजों के कारण लड़कियों को अक्सर अवसाद से गुजरना पड़ता है, और इसी वजह से लड़कियां अपनी शारीरिक छवि को धूमिल कर लेती है, लेकिन अब  एक रिपोर्ट के अनुसार लड़कियां सुधार सकती है अपनी शारीरिक छवि को. 

'साइकोलॉजी ऑफ वुमन क्वार्टरली' में छपे एक शोध के अनुसार इस बात का खुलासा हुआ है कि जो लड़किया अपने दुःख, समस्याएं किसी डायरी या कहीं भी लिख देती है तो उससे लड़कियों की शारीरिक छवि में सुधार होता है. जरुरी नहीं कि लड़कियां अपनी कमजोरी को ही इसमें लिखे, लड़कियां इसमें कमजोरियों के साथ अपनी ताकत भी लिख सकती है. 

'नॉर्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय' में प्रोफेसर और अध्ययन की सह लेखिका रेनी एंगेन ने कहा, "'सकारात्मक शरीर छवि हस्तक्षेप' महिलाओं को यह बताने पर केंद्रित हैं कि वे स्वभाविक रूप से सुंदर हैं या उन्हें उनके शरीर को प्यार करने के लिए प्रोत्साहित करने वाले अक्सर असफल हो जाते हैं." वहीं इस शोध में 1,000 से ज्यादा कॉलेज छात्राओं ने भाग लिया जिसने एक बार फिर साबित किया कि अपनी चिंताओं और शारीरिक क्रियाओं से संबंधित पत्रों से शारीरिक छवि में सुधार हो सकता है.

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