सुप्रीम कोर्ट : सभी चिकित्सा शुल्क हो कम, याचिकाकर्ता ने बोली यह बात
सुप्रीम कोर्ट : सभी चिकित्सा शुल्क हो कम, याचिकाकर्ता ने बोली यह बात
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भारत की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें केंद्र, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया गया था कि वे कोरोना वायरस महामारी के दौरान गैर-COVID19 बीमारियों के सभी चिकित्सा खर्चों को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाए. पीआईएल ने वकील सुरज्या दास द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा है कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण लोगों के जीवनयापन और व्यवसायों के साधन बंद हो गए हैं.

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इस मामले को लेकर याचिका में कहा गया कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान गैर-कोविद -19 संबंधित स्वास्थ्य देखभाल / उपचार खर्च को कम करने करने के लिए कदम नहीं उठाए हैं. कहा गया कि आजीविका और आय के साधनों के बंद होने के बाद, लोग दैनिक जीवन में भोजन और आश्रय के लिए अपनी बचत से बाहर खर्च कर रहे हैं और प्रतिबंधों ने जीवन को इस तरह से बाधित कर दिया है कि कोई नहीं जानता कि चीजें कब सामान्य हो पाएंगी.

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अपने बयान में दास ने आगे कहा कि इस पर विचार करने की आवश्यकता है कि इस समय भी कई लोगों को कीमोथेरेपी, Emergency Transplants, कोलोनोस्कोपी, विभिन्न परीक्षणों और अन्य विभिन्न उपचारों जैसे गैर-कोविद -19 संबंधित चिकित्सा उपचार सेवाओं की आवश्यकता होती है. इसलिए यह महत्व है कि गैर-कोविद -19 संबंधित चिकित्सा उपचार खर्च / शुल्क सभी सरकारों को कम करना चाहिए.

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