कई महिलाएं प्रेग्नेंसी के समय डिलीवरी को लेकर चिंतित होती है. डिलीवरी का दर्द असहनीय दर्द है जिससे गुजरना बहुत ही मुश्किल भरा होता है. यह दर्द हर मां को सहन करना पड़ती है. यह दर्द शरीर को तोड़ कर रख देता है, उसके बाद बच्चे का जन्म होता है. डिलीवरी से पूर्व महिला को कई तरह की चिंताएं होती है. कई बार घबरा जाती है कि भयानक दर्द होगा.कुछ कारणों से डिलीवरी का दर्द और भयानक दिखाई देने लगता है.
महिलाओं को कमर के बल नहीं लेटना चाहिए, इससे उनकी कमर पर जोर पड़ता है और बोन्स पर बुरा असर पड़ता है. इस तरह लेटने से बच्चे पर दबाव पड़ता है और रीढ़ तक खून का प्रवाह कम हो जाता है. इससे पुश करने में दिक्कत होती है. टेंशन से भरे माहौल में भी महिला को दिक्कत होती है और उसे अधिक दर्द होता है. डिलीवरी के दौरान आसपास के माहौल को हल्का बनाएं रखें.
यदि महिला के शरीर में पानी की कमी होती है तब डिलीवरी के दौरान काफी दर्द होता है. प्रेग्नेंसी के समय शरीर में पाबनि की कमी न होने दे, इससे डिलीवरी के समय जोर लगाने में कम ताकत लगेगी और शरीर को दर्द कम सहना होगा. प्रेग्नेंसी के दौरान कम व्यायाम करने से भी डिलीवरी के दौरान काफी दर्द होता है. प्रेगनेंसी के समय डॉक्टर की सलाह लेकर व्यायाम करे, इससे शरीर में लचीलापन बना रहेगा.
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