ऑस्ट्रेलिया की सड़कों पर आ गया लाल केकड़ों का सैलाब, चलने तक की नहीं है जगह
ऑस्ट्रेलिया की सड़कों पर आ गया लाल केकड़ों का सैलाब, चलने तक की नहीं है जगह
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ऑस्ट्रेलिया में लाल केकड़ों का सैलाब एक बार फिर देखने को मिल रहा है। जी दरअसल केकड़ों को सड़कों से लेकर बागों तक में देखा जा सकता है। हालाँकि सवाल यह है कि केकड़े आए कहां? अब हर किसी के मन में यही सवाल है कि आखिर इतने केकड़े आए कहाँ से? जी दरअसल ये केकड़े ऑस्ट्रेलिया के क्रिसमस द्वीप पर हैं। जी दरअसल केकड़े वर्षावन से हर साल समुद्र में जाते हैं और यह समय उनके सहवास करने और अंडे देने का है। जी हाँ और लगभग 6.5 करोड़ केकड़े इस समय ऑस्ट्रेलिया की सड़कों पर हैं। आपको बता दें कि यह केकड़े साल भर द्वीप की मिट्टी में छिपे रहते हैं, हालाँकि जैसे ही बारिश का मौसम आता है ये अपना घर छोड़ने लगते हैं। इस समय सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए हैं, जो तेजी से वायरल हो रहे हैं।

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आप देख सकते हैं इस वीडियों में केकड़े रेंग रहे हैं। इन केकड़ों के रेंगने से कई सड़कें पूरी तरह रुक गई हैं। जी हाँ और कई जगहों पर केकड़ों को सड़क पार कराने के लिए पुल बनाया गया है। केवल यही नहीं बल्कि कुछ जगहों पर तो ऐसा लगता है जैसे लाल समुद्र ही बहता चला आ रहा हो। दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर यूजर इस बारे में बात कर रहे हैं। वह कह रहे हैं कि ये केकड़े देखने में कितने प्यारे लग रहे हैं।

आपको बता दें कि लाल केकड़ों का माइग्रेशन मानसून की पहली बारिश के साथ शुरू होता है। जी दरसल ऑस्ट्रेलिया दक्षिणी गोलार्ध में है तो यहां मौसम उत्तरी गोलार्ध से उलट होता है और यही कारण है कि आमतौर पर माइग्रेशन अक्टूबर या नवंबर में होता है। सामने आने वाली कई रिपोर्ट्स के मुताबिक यह कभी-कभी दिसंबर या जनवरी के अंत तक हो सकता है। आपको बता दें कि इन केकड़ों के कारण सड़कों को पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया गया है।

यहाँ लाल केकड़ों के माइग्रेशन में सबसे आगे नर होते हैं, जबकि मादा उनके साथ चलती हैं। इसी के साथ इसमें उनका समय और गति समान नहीं होता है और उनका प्रवास चंद्रमा के चरण से निर्धारित होता है। इन केकड़ों को एकदम सही समय पर पता चल जाता है कि उन्हें अपना घर कब छोड़ना है। वहीं प्रत्येक मादा लगभग 10 लाख अंडे अपने ब्रूड पाउच में रखती है, लेकिन इनमें से बहुत कम बच्चे ही जीवित रहते हैं। हालाँकि हर कुछ साल में समुद्र से इतने केकड़े निकलते हैं कि उनकी आबादी का संतुलन बना रहता है।

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