लोढ़ा समिति की सिफारिशें मानना बीसीसीआई की मजबूरी : मनोहर
लोढ़ा समिति की सिफारिशें मानना बीसीसीआई की मजबूरी : मनोहर
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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर ने शनिवार को कहा कि बोर्ड ने अपनी छवि में सुधार के लिए अब तक कुछ नहीं किया है और अब उनके पास लोढ़ा समिति की सिफारिशें मानने के अलावा कोई चारा नहीं है। मनोहर ने कहा, "बीसीसीआई ने अपनी छवि सुधारने के लिए कुछ नहीं किया है और अब उनके पास लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने के सिवा कोई चारा नहीं है।" मनोहर ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के चेयरमैन एन. श्रीनिवासन की भी आलोचना की और कहा कि बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवासन को आईपीएल के छठे संस्करण में 2013 में सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग मामले के खुलासे के बाद ही इस्तीफा दे देना चाहिए था।

मनोहर ने आईसीसी चेयरमैन पद से भी श्रीनिवासन को इस्तीफा देने के लिए कहा। मनोहर ने कहा, "श्रीनिवासन को 2013 में ही इस्तीफा दे देना चाहिए था। संस्थान से ऊपर कोई नहीं होता और वह तो पूरे घोटाले के मूल में थे। उन्हें आईसीसी चेयरमैन पद से भी तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।" बीसीसीआई पर फिर से निशाना साधते हुए मनोहर ने कहा कि बीसीसीआई को अब तो आगे बढ़कर कुछ करना चाहिए, क्योंकि उसका काम तो अदालत ने कर दिया है। मनोहर ने शुक्रवार को बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया से मुलाकात की और बोर्ड से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।

गौरतलब है कि आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग एवं सट्टेबाजी मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित न्यायमूर्ति आर. एम. लोढ़ा समिति ने आईपीएल की दो टीमों चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स को दो वर्ष के लिए निलंबित कर दिया है। इसके अलावा सट्टेबाजी के दोषी करार दिए गए सुपर किंग्स के पूर्व टीम अधिकारी और श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन और रॉयल्स टीम के सह-मालिक राज कुंद्रा पर बीसीसीआई की क्रिकेट गतिविधियों में शामिल होने से आजीवन प्रतिबंध लगा दिया है।

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