दिल्ली HC के चीफ जस्टिस मनमोहन को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश

दिल्ली HC के चीफ जस्टिस मनमोहन को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश
Share:

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मनमोहन को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में प्रमोट करने की सिफारिश की है। इस समय सुप्रीम कोर्ट में कुल 34 जजों के पद हैं, जिनमें से दो पद खाली हैं। सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाईकोर्ट का प्रतिनिधित्व केवल एक जज द्वारा किया जा रहा है, इसी वजह से जस्टिस मनमोहन का नाम सुझाया गया है। वे ऑल इंडिया सीनियरिटी लिस्ट में दूसरे स्थान पर हैं। 

यह सिफारिश सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता में पहली कॉलेजियम बैठक में की गई। अन्य सदस्य न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति हरिकेश रॉय, और न्यायमूर्ति ए.एस. ओका थे। सभी ने इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया और केंद्र सरकार को भेज दिया। जस्टिस मनमोहन का जन्म 17 दिसंबर 1962 को दिल्ली में हुआ। उन्होंने मॉडर्न स्कूल बाराखंभा रोड से स्कूली शिक्षा ली और दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से इतिहास में बीए (ऑनर्स) किया। उन्होंने 1987 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री प्राप्त की और उसी साल दिल्ली बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करवाया। वे जम्मू-कश्मीर और दिल्ली के पूर्व राज्यपाल जगमोहन मल्होत्रा के बेटे हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट ने 2003 में उन्हें सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया था। 13 मार्च 2008 को वे दिल्ली हाईकोर्ट के एडिशनल जज बने। 9 नवंबर 2023 को उन्हें कार्यवाहक चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया और 29 सितंबर 2024 को स्थायी चीफ जस्टिस बनाया गया।

भारत में जजों की नियुक्ति कॉलेजियम सिस्टम के तहत होती है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में पांच सदस्य होते हैं, जिनमें मुख्य न्यायाधीश और चार वरिष्ठतम जज शामिल होते हैं। यह प्रणाली संविधान में सीधे उल्लेखित नहीं है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के कुछ फैसलों के बाद इसे लागू किया गया। हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाती है। कॉलेजियम के द्वारा सुझाए गए नामों पर सरकार आपत्ति कर सकती है, लेकिन अगर कॉलेजियम अपने निर्णय को दोहराए तो सरकार को उन्हें नियुक्त करना होता है।

 

Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
- Sponsored Advert -