मलेरिया एक वैश्विक बीमारी है और भारत में इस बीमारी के चलते हर वर्ष करीब 2 लाख लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट की माने तो भारत में यह बीमारी हर साल 2 लाख 5 हजार लोगों को अपनी चपेट में लेती है। मलेरिया के होने का मुख्य कारण मच्छर का काटना है। यह बीमारी संक्रमित मच्छर में मौजूद परजीवी के कारण होती है। मलेरिया बुखार मानव को प्लॅस्मोडियम वीवेक्स नाम के वायरस के चलते होता है। बता दें कि अनोफलीज़ (Anopheles) नाम के संक्रमित मादा मच्छर के काटने के कारण मानव के खून में यह वायरस दौड़ते रहता है। आइए इसकी रोकथाम और इसके लक्षणों के बारे में जानते हैं।
इन लक्षणों से करें मलेरिया की पहचान
- शरीर में कंपकंपी
- तेज बुखार आना
- पूरे शरीद में दर्द होना
- अत्यधिक पसीना आना
- सर में दर्द
- जी मचलना
- उल्टी आना
जानिए कैसे करें इसका बचाव
- बिना मच्छरदानी के नींद न लें। साथ ही अपने आस-पास भी साफ़-सफाई का विशष ध्यान रखें।
- शाम के समय थोड़ा सतर्क रहें। क्योंकि शाम के समय ही मलेरिया का मच्छर लोगों को अधिक शिकार बनाता है।
- मोस्कीटो रिपेलेंट मशीनों का प्रयोग करें और ऐसी दवाईयों का भी घर में छिड़काव करें जिससे कि मच्छरों का नाश होता हो।
- घर के ऐसे स्थान पर जाली लगाए जहां से मच्छर आ सकते हैं। जैसे कि दरवाज़े, खिड़की, बालकनी आदि में।
- ऐसे कपड़ों का चयन करें जिसमे आपका बदन पूरी तरह से ढँक जाए।
- साथ ही आप ऐसे स्थानों पर भी जाने से बचे जहां अधिक मात्रा में गंदा पानी इकठ्ठा होता हो।
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