नई दिल्ली: देश में हुई नोटबंदी को लेकर रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने हाल में एक बड़ा खुलासा किया है. जिसमे उन्होंने कहा है कि मैं नोटबंदी के पक्ष में नहीं था. मैने इस बारे में सरकार को पहले ही सावधान कर दिया था. राजन ने अपनी पुस्तक 'आय डू ह्वाट आय डू: ऑन रिफार्म्स रिटोरिक एंड रिजॉल्व' में यह खुलासा करते हुए कहा कि नोटबंदी की लागत के बारे में सरकार को सावधान किया था तथा कहा था कि नोटबंदी के मुख्य लक्ष्यों को पाने के अन्य बेहतर विकल्प भी हैं. उन्होंने कहा था कि अभी के नुकसान, आगे के फायदों पर भारी पड़ेंगे.
रघुराम राजन ने अपनी किताब में लिखा है कि मुझसे सरकार ने फरवरी 2016 में नोटबंदी पर दृष्टिकोण मांगा जिसमे मैंने मौखिक में बताया था कि. दीर्घकालिक स्तर पर इसके फायदे हो सकते हैं पर मैंने महसूस किया कि संभावित अल्पकालिक आर्थिक नुकसान दीर्घकालिक फायदों पर भारी पड़ सकते हैं. इसके मुख्य लक्ष्यों को प्राप्त करने के संभवत: बेहतर विकल्प थे. राजन ने कहा था कि यदि सरकार फिर भी नोटबंदी को लागु करना चाहती है तो इस स्थिति में नोट में इसकी आवश्यक तैयारियों और इसमें लगने वाले समय का भी ब्योरा दिया था. रिजर्व बैंक ने आधी-अधूरी तैयारी की स्थिति में परिणामों के बारे में भी बताया था.
बता दे कि देश में पिछले वर्ष नोटबंदी लागु की गयी थी, जिसका मुख्य उद्देश्य नोटों की कालाबाजरी रोकना, भ्रष्टाचार पर रोक लगाना, जमाधन को बाहर निकालना आदि थे. किन्तु सरकार ने हाल में नोटबंदी को लेकर कुछ आंकड़े पेश किये थे. जिसके बाद रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन द्वारा कही गयी यह बात नोटबंदी को लागु नहीं करने की तरफ इशारा कर रही है. जिसमे उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वें नोटबंदी के पक्ष में नहीं थे.
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