कोलकाता: ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर मामले के बाद सुर्ख़ियों में आए कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में चल रही जांच में CBI को कई अहम सबूत मिले हैं, जिनसे अस्पताल में हो रहे घोटालों और अवैध गतिविधियों का खुलासा हुआ है। बंगाली मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, CBI के सूत्रों ने बताया कि अस्पताल के मुर्दाघर में शवों के साथ अश्लील हरकतें की जा रही थीं और इन घटनाओं के वीडियो बनाए जा रहे थे। साल 2021 में अस्पताल से 60 से 70 शव गायब होने की भी बात सामने आई थी, जो इस मामले को और गंभीर बना देती है।
यह मामला तब उभरकर आया जब कुछ दिनों पहले एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या का मामला सामने आया था। इसके बाद से अस्पताल में हो रही अनियमितताओं की जाँच शुरू हुई। आरोपित संजय रॉय के संबंध में पता चला है कि उसे अस्पताल के मुर्दाघर में रात के समय जाने की अनुमति थी, जबकि मुर्दाघर आमतौर पर शाम 7:30 से 8 बजे के बीच बंद कर दिया जाता है। वहाँ रात में कोई पोस्टमार्टम नहीं होता, और अगर किसी शव को लाया भी जाता है, तो उसे पीछे के दरवाजे से अंदर लाया जाता है।
जाँच में पता चला कि मॉर्च्युरी के कोल्ड चैंबर्स से लाशें निकालकर उनके साथ अश्लील हरकतें की जाती थीं और इन घटनाओं के वीडियो बनाए जाते थे। CBI को संजय रॉय के मोबाइल फोन से मुर्दाघर में रिकॉर्ड किए गए ऐसे कई वीडियो मिले हैं, जिनमें वह और अन्य लोग शवों के साथ अप्राकृतिक कृत्य करते हुए दिखाई दे रहे हैं। आरजी कर मेडिकल कॉलेज के मुर्दाघर में 40 से अधिक कोल्ड चैंबर्स हैं। संदेह है कि इन्हें रात के समय खोलकर अश्लील गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इन घटनाओं का खुलासा तब हुआ, जब 9 अगस्त की घटना के बाद संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया। उसके फोन से कई अश्लील वीडियो बरामद किए गए, जिनमें शवों के साथ अश्लीलता भी शामिल थी। यह आशंका जताई जा रही है कि इन वीडियोज को विदेशों में भी बेचा जा रहा था।
इसके अलावा, जाँच में यह भी सामने आया है कि अस्पताल में शवों से कंकाल निकालकर उन्हें बेचने का भी काम हो रहा था। CBI ने मुर्दाघर के कोल्ड चैंबर, रजिस्टर और पिछले महीनों के CCTV फुटेज की जांच की है। फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख प्रबीर चक्रवर्ती से रजिस्टर में गड़बड़ी को लेकर स्पष्टीकरण माँगा गया, लेकिन वे संतोषजनक जवाब देने में असफल रहे। इस पूरे रैकेट में कौन-कौन शामिल है, इसकी जाँच अभी चल रही है। कुछ कर्मचारियों ने बताया कि मॉर्च्युरी में शाम को शराब की बोतलें लाई जाती थीं और अगर कोई इन गतिविधियों के खिलाफ बोलता था, तो उसका तबादला करवा दिया जाता था या उसे धमकाया जाता था।
यह पहली बार नहीं है जब आरजी कर अस्पताल पर ऐसे आरोप लगे हैं। साल 2001 में भी एक मेडिकल छात्र, सौमित्र बिस्वास, की रहस्यमयी मौत के बाद ऐसा ही मामला सामने आया था। आरोप था कि सौमित्र की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उसे मुर्दाघर में हो रहे आपराधिक कार्यों के बारे में पता चल गया था। उसने इनका खुलासा करने की कोशिश की, जिसके बाद उसकी हत्या कर दी गई। इससे पहले भी अस्पताल और हॉस्टल के कुछ कमरों में अश्लील वीडियो और तस्वीरें बनाने की गतिविधियों की रिपोर्टें सामने आई थीं।
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