लखनऊ : रेप के मामले में फंसे यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को अंततः पॉस्को कोर्ट से जमानत मिल ही गई. एक महिला ने रेप का मामला दर्ज कराया था. पीड़िता का आरोप था कि गायत्री प्रजापति ने उसके साथ प्लॉट दिलाने के नाम पर बलात्कार किया था.
लखनऊ की पॉस्को कोर्ट ने मंगलवार को गायत्री प्रजापति और उनके दो साथी पिंटू और विकास को भी अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया. इन सभी को कोर्ट ने एक एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी है.गायत्री प्रजापति के वकील सुनील सिंह ने बताया कि पिछले एक महीने से लखनऊ के आदर्श कारागार में बंद गायत्री प्रजापति मंगलवार की देर शाम तक जेल से रिहा हो सकते हैं. यूपी विधान सभा चुनाव के दौरान ही उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था. तब वे फरार हो गए थे, तब यह मामला बहुत चर्चा में था .लेकिन बाद में लखनऊ पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.
रेप पीड़िता के अनुसार वर्ष 2014 में नौकरी और प्लॉट दिलाने के बहाने उसे गायत्री प्रसाद प्रजापति ने लखनऊ स्थित गौतमपल्ली आवास पर बुलाया. वहां चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया गया. इसके बाद वह अपना सुध-बुध खो बैठी. बेहोशी की हालत में मंत्री और उसके सहयोगी ने रेप किया था. इसका अश्लील वीडियो बनाते हुए तस्वीरें भी ली गई थीं.आरोप है कि अश्लील वीडियो और तस्वीरों के जरिए गायत्री प्रसाद प्रजापति और उनके सहयोगी साल 2016 तक उसे हवस का शिकार बनाते रहे. आखिर तंग आकर उसने 7 अक्टूबर 2016 को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.पीड़िता राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों से भी मिली थी.लेकिन इंसाफ नहीं मिला.
बता दें कि इसके बाद पीड़िता ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. लेकिन वहां भी उसकी याचिका को खारिज कर दिया गया. इसके बाद भी पीड़िता ने हिम्मत नहीं हारी और उसने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई . सुप्रीम कोर्ट ने गायत्री प्रसाद प्रजापति को गिरफ्तार कर इस मामले में केस दर्ज करके तेजी से जांच करने के निर्देश दिए गए.
यह भी देखें
फैजाबाद में 20 से ज्यादा मुस्लिम लोगों की हुई घर वापसी, अपनाया हिन्दू धर्म
घर के अंदर ही पड़ी मिली पूरे परिवार की लाश