रमज़ान का महीना सभी मुसलमाँनो के लिए बहुत ख़ास होता हैं यह महीना हर मुसलमान के लिए बहुत पाक माना जाता हैं और इस महीने में वह केवल अल्लाह को समय देना पसंद करता हैं. इस महीने में अल्लाह को समय देने के लिए कुरान पढ़ी जाती हैं जो महिलाएं, बच्चे और आदमियों सभी को पढ़नी होती हैं. ऐसे में कई बार ऐसा भी होता हैं कि कोई आदमी अपने काम कि वजह से कुरान पढ़ने के लिए वक्त नहीं निकाल पाता वह सुबह से लेकर रात तक केवल काम में व्यस्त रहता हैं और यही वजह रहती हैं कि उसके पास कुरान पढ़ने का वक्त नहीं होता.
उस समय में आदमी चाहे तो वह रात में मस्जिद में होने वाली तरावीह में जा सकता हैं क्योंकि वह भी एक तरह से कुरान होती हैं और उसे पढ़ने से कुरान पढ़ने जैसा ही अनुभव होता हैं. तारविह भी अल्लाह ताला को याद कर पढ़ी जाती हैं और जो व्यक्ति अपने काम-काज के दौरान रमज़ान में कुरान के लिए वक्त नहीं निकाल पाते वह चाहे तो तरावीह पढ़कर अपने अल्लाह को याद कर सकते हैं. तरावीह में महिलाएं भी शामिल हो सकती हैं जो दिनभर काम की वजह से कुरान के लिए समय ना निकाल पाई हो. रमज़ान के महीने में जितनी बार अल्लाह को याद किया जाए उतना ही अच्छा होता हैं.
रमज़ान 2018 : मन बहलाने वाली सभी चीज़े रोज़े पर करती है बुरा प्रभाव