रामायण का जटायु जल्द ही होगा जीवित जाने कैसे...
रामायण का जटायु जल्द ही होगा जीवित जाने कैसे...
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कोल्लम : क्या आपको रामानंद सागर के धार्मिक सीरियल रामायण के बारे में ज्ञात है जिसमे जटायु की स्मृतियां आपके जेहन में तो होंगी ही बता दे की यह वहीं जटायु देवता है जिन्होंने सीता माँ की रक्षा करते हुए रावण से भयंकर युद्ध किया था. तथा इस लड़ाई में  जटायु जी बुरी तरह से रावण के प्रहार से जख्मी हो गए थे तथा जिसके बाद उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए थे. ऐसी ही खबरे आ रही है कि केरल के कोल्लम में जल्द ही जटायु नेचर पार्क अगले वर्ष जनवरी से आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा.

बता दे कि यह पार्क अपनी खूबसूरती के लिए बहुत ही मशहूर है तथा इस पार्क के साथ ही केरल के टूरिज्म मैप पर एक और नया डेस्टिनेशन जुड़ने जा रहा है। कोल्लम जिले के चदयामंगलम गांव में 'जटायु नेचर पार्क' बनकर तैयार है। यह जनवरी 2016 से आम लोगो के लिए खोल दिया जाएगा. जनवरी से इसके पहले फेज की तैयारी हो चुकी है। इस पार्क में जटायु का सबसे बड़ा स्कल्पचर बनाया गया है. ऐसी बताया जा रहा है कि पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक यही वो जगह है जहां सीता का अपहरण कर ले जाते रावण से लड़ते हुए पक्षीराज जटायु गिरे थे।

यहीं पर उन्होंने अपने प्राण त्यागे थे। इस पार्क के मुताबिक पहाड़ पर इसे 200 फीट लंबा, 150 फीट चौड़ा और 70 फीट ऊंचा बनाया गया है। इसे  पार्क को बनाने में 7 साल का समय लगा है। कोल्लम से 28 किमी दूर बने इस नेचर पार्क पर केरल सरकार ने 100 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। जनवरी 2016 से आप इस पार्क में जटायुराज के भी दर्शन कर सकते हैं। 

 

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