श्रीकृष्णा ने किया बकासुर-अगासुर का उद्धार
श्रीकृष्णा ने किया बकासुर-अगासुर का उद्धार
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रामानंद सागर की रामायण जिस तरह पूरे विश्व में सबसे लोकप्रिय धारावाहिक बना उसी के तर्ज़ पर अब डी डी नेशनल पर रोजना रात 9 बजे से 10 बजे तक श्री कृष्णा का प्रसारण हो रहा है. परन्तु अगर आप से लेटेस्ट एपिसोड छूट गया हो तो कोई चिंता मत कीजिए. आइए हम आप को बताते हैं कि सोमवार के एपिसोड मैं क्या-क्या हुआ.यशोदा कृष्णा भगवान की आरती कर रही हैं. और तुलसी को पानी का अर्पण देने के बाद गाय को चारा देती हैं. वहीं पूरे घर में गंगा जल से छिड़काव कर घर का शुद्धिकरण कर रही हैं. कृष्णा अभी भी गहरी निंद्रा में हैं. यशोदा उन्हें उठाने का प्रयास के रही हैं. बड़े ही देर बाद कृष्णा उठते हैं. इसके साथ ही यशोदा कान्हा को बताती हैं कि बाहर उनके सखा इंतज़ार कर रहे हैं और कान्हा बिना स्नान किए प्रसाद खां लेते हैं और यशोदा से कहते है मैया मुझे सखा के साथ गाय चराने जाना है तो खाने के लिए कुछ दे देना. वहीं मैया कहती हैं कि तेरे सखा का पेट भर दिया है उन्होंने भोजन कर लिया है कान्हा खुशी से यशोदा को गले लगा लेते है. वहीं कान्हा अपने मित्रों के साथ बांसुरी बजाते हुए गाय चराने जा रहे होते है. तभी उन्हें बहुत बड़ा बगुला नजर आता है. 

इसके साथ ही कृष्णा के मित्र मनसुखा कृष्णा से कहता है कि इतना बड़ा बगुला तो आजतक नहीं देखा ये कोई और नहीं बल्कि बकासुर राक्षस है जो कि पूतना राक्षसनी का बड़ा भाई है. मनसुखा कृष्णा से कहता है ये जरूर को राक्षस होगा भाग चलो कृष्णा नहीं तो ये बगुला हमें खा जाएगा.वहीं  कृष्णा अपने दाऊ की बात मान कर बगुला के पास जाते हैं. उसके चारों तरफ चक्कर मारने के बाद अपने मित्र से कहते है कि देखो ये कुछ नहीं करता तभी बगुला कृष्णा पर अपने बड़ी-बड़ी चोंच से हमला करता है. बगुला और कृष्णा में बड़ी लम्बी लड़ाई चलती है एक बार की बगुला कृष्णा को अपने चोंच से निगलने कोशिश करता है परन्तु  वो विफल हो जाता है और बाद में कृष्णा बगुला यानी राक्षस बकासुर का मार गिराते है. वहीं कृष्णा के सभी मित्र खुश हो जाते हैं और अपने सेनापति को गोद में उठाकर जय-जय कार करते है “ हाथी घोड़ा पाल की जय कन्हैया लाल की”.ये सभी दृश्य कंस के सैनिक झाड़ी के पीछे छिप कर देख रहे होते हैं और बाद मैं कंस को सारी बातें कंस को बताते हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दें की  कंस इस बात का यकीन नहीं होता कि बकासुर मारा गया. सैनिक कंस को बकासुर और कृष्णा के लड़ाई के बारे में बताते है कि बकासुर ने कृष्णा को अपने चोंच से मुंह में फंसा लिया था परन्तु वो निगल नहीं पाया.कंस कहता ही कि बकासुर मूर्ख था, जब उसने चोंच से फंसा लिया था तो उसे हमारे पास ले आता हम ही उसे मार देते अच्छा हुआ वो मूर्ख अपनी मूर्खता पर मारा गया. कंस अपने मंत्री चांड्डर से कहते है कि इतने बड़े-बड़े मायावीर राक्षस मारे गए लेकिन एक छोटे से बालक को नहीं मार पाए.कंस चांड्डर से कहते है कि हमारे पास ऐसा कोई बलवान राक्षस नहीं है जो हमारे एक छोटे से शत्रु को मार सके. वहीं तभी चांड्डर कहते है महाराज पूतना और बकासुर का बड़ा भाई अगासुर. वहीं अगासुर कंस से कहता है कि मेरे जबड़े में जो फंस जाता है भगवान भी उसे नहीं छुड़ा सकता तभी कंस कहता है कि तुम अपना इतना बड़ा शरीर ले कर गोकुल कैसे जाओगे क्योंकी बकासुर के मरने के बाद वो लोग अधिक सावधान हो गए होंगे.

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