रामानंद सांगर की रामायण की कामयाबी पर बोली कास्ट
रामानंद सांगर की रामायण की कामयाबी पर बोली कास्ट
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हरि अनंत, हरि कथा अनंता, और ये बात सीरियल रामायण के जरिए सच साबित हो चुकी है. इसके साथ ही रामानंद सागर की रामायण को बने हुए 33 साल हो चुके हैं, परन्तु इसका जादू ऐसा है कि पहले भी लोगों के सिर चढ़कर बोलता था और आज भी लोगों के सिर पर चढ़कर बोल रहा है. हर पीढ़ी के लोग इसे एंजॉय कर रहे हैं और यही इसकी बंपर TRP का कारण है. वहीं हम आपको बताते हैं वो 5 कारण जिनकी वजह से रामायण, को इतनी भारी सफलता मिली, जिनकी वजह से रामानंद सागर की रामायण बाकी बनी रामायणों से ज्यादा खास है, और ये कारण हैं- शानदार अभिनय, अच्छा निर्देशन, कसी हुई स्क्रिप्टिंग, वर्चुअल इफेक्ट्स और रविंद्र जैन का संगीतधारावाहिक रामायण में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल ने कहा, 'देखिए अगर आप कहें कि रामायण की कामयाबी में सिर्फ राम का ही अहम हिस्सा है तो ये कहना गलता होगा क्योंकि कोई भी चीज जब अपने संपूर्णता में होती है तभी वो काम करती है, रामायण की सफलता में शानदार कास्टिंग, जबरदस्त राइटिंग, और रामानंद सागर जी के अच्छे निर्देशन का हाथ है, इन सब चीजों ने जब साथ मिलकर काम किया तब रामायण अपनी संपूर्णता में पूर्ण हुई, मैं इसको इस नज़र से भी देखता हूं कि ये शायद भगवान को हमसे करवाना था इसलिए ये इतनी अच्छी बनी है, देखिए हर प्रोड्यूसर चाहता है कि उसकी बनाई हुई चीज अच्छी बने लेकिन ये ऊपरवाले की मर्जी ही थी कि रामायण इतनी शानदार बन गई.

रामायण में सीता का किरदार निभाने वाली दीपिका चिखलिया ने कहा, 'मैं कहूंगी कि रामानंद सागर जी की रामायण के बाद भी कई बार रामायण बनी लेकिन उन्हें दर्शकों का इतना प्यार नहीं मिला जितना इस रामायण को मिला, इसलिए आस्था तो जरूरी ही है परन्तु  उसके साथ-साथ और भी बहुत सारे फैक्टर हैं जिन्होंने इस रामायण को लारजर देन लाइफ बनाने में अहम भूमिका निभाई, इसमें कलाकारों की शानदार एक्टिंग, रामानंद सागर जी का बेहतरीन डायरेक्शन, अच्छी स्क्रिप्टिंग, और इसके साथ साथ रविंद्र जैन जी का मधुर संगीत भी मौजूद है, इन सब चीजों ने मिलकर ही रामायण में ऐसी जान फूंकी कि लोग इसे बार-बार देखने के बाद भी अगली भी फिर से देखने के लिए बेताब रहते हैं, तो आस्था तो जरूरी है ही इसके साथ-साथ बाकी चीजें भी काफी अहम हैं, रामानदं सागर जी कहते थे कि इस रामायण को हमने बनाया नहीं है, ये खुद से बन गई है कहने का मतलब ये है कि ये ईश्वर की मर्जी ही थी जिसने सारी अच्छी चीजों को एक साथ लाकर जोड़ दिया और रामायण को इतना अच्छा बना दिया.इसके साथ ही रामायण में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने कहा, 'मैं समझता हूं कि रामायण का कॉन्टेंट बहुत मजबूत है, इसमें भावनाओं को बहुत अच्छी तरह से समाहित किया गया और रामानंद सागर साहब ने इस शो को बनाने में बहुत मेहनत की थी, बहुत अच्छी फीलिंग के साथ उन्होंने इस शो को बनाया था और यही रामायण के हिट होने की असली वजह है, इसके अलावा अगर हम धार्मिक और सांस्कृतिक पहलू देखें तो ये शो हमें हमारी धर्म और संस्कृति से जोड़ता है यही वजह है कि 33 साल पूरे हो जाने के बाद भी और एंटरनेंटमेंट के इतने सारे विकल्प मौजूद होने के बावजूद भी लोग इस शो को इतना ज्यादा प्यार दे रहे हैं, हर फैमिली ये चाहती है कि हमारे बच्चे, हमारे परिवार के लोग भारतीय कल्चर और संस्कृति से जुड़ें और रामायण से उन्हे जुड़ना का मौका मिल रहा है इसलिए वो इस शो को इतना ज्याद पसंद कर रहे हैं और इस शो से इतना ज्यादा इमोशनली अटैच हो रहे हैं.'बिजनेसमैन रामराज हरिदास चौरसिया ने कहा, 'मैं रामायण की कामायाबी के पीछे सबसे बड़ा हाथ उसके कलाकरों और निर्देशन को देता हूं, रामायण का हर पात्र अपने आप में संपूर्ण है, उनकी भाव भंगिमाएं और चलने फिरने के तरीके भी बहुत सौम्या और मधुर हैं, इसके अलावा रामानंद सागर के निर्देशन का तो कोई मुकाबला ही नहीं है, इस रामायण को देखने के बाद फिर किसी और रामायण को देखने का मन ही नहीं करता है, जय श्रीराम.

आइटी कंपनी में वाइस प्रेसिडेंट सौरभ सिंह ने बताया, 'मेरी नज़र में रामायण की कामयाबी में सबसे बड़ा कारण उससे मेरे बचपन का जुड़ाव, इस सीरियल को मैं बचपन में देख चुका था और जब लॉकडाउन के बीचे ये दूरदर्शन पर शुरू हुआ तो मैं इसे दोबारा देखने से खुद को नहीं रोक पाया, इसके अलावा इसकी कामयाबी में इसके पात्रों का भी अहम योगदान है, तीसरा मैं राम मंदिर के मुद्दे को भी इसकी कामयाबी से जोड़कर देखता हूं, और चौथा मुझे लगता है कि लॉकडाउन में जब बाकी सीरियल्स की शूटिंग बंद हो चुकी है, ऐसे में जब उन्हें कई सालों बाद दोबारा रामायण देखने का मौका मिला तो उन्होंने उस मौका का पूरा फायदा उठाया.'गृहिणी रचना गुप्ता ने बताया, 'रामायण की सफलता के पीछे सबसे बड़ा कारण पात्रों का अच्छा चयन था, राम और सीता के चेहरे पर जो दिव्यता दिखती है, वो कमाल है और बाकी बनी रामायणों के पात्रों के चेहरे पर वो दिव्यता और भव्यता नहीं दिखती है, इस सीरियल के वर्चुअल इफेक्ट्स भी लोगों का काफी पसंद आते हैं, और पात्रों का आपस में संवाद भी बहुत शानदार है, इसके अलावा अगर बात रामानंद सागर की करें तो उनके निर्देशन ने सीरियल में प्राण फूंकने का काम किया है.वहीं 'यानी कुल मिलाकर कहा जाए तो रामानंद सागर की रामायण ने हर जनरेशन के दिल में अपनी गहरी छाप छोड़ी है, और इसके पीछे रामायण सीरियल के पात्र, रामानंद सागर का निर्देशन, अच्छे डायलॉग, रविंद्र जैन का संगीत, जैसे अनेकों कारण हैं जो इस रामायण को अद्भुत बनाते हैं और लोगों के मन में अमिट छाप छोड़ते हैं और यही कारण है कि दूरदर्शन पर रामायण समाप्त होने के बाद अब इसे दोबारा स्टार प्लस पर दिखाया जा रहा है, जहां इसे फिर से दर्शकों का भरपूर प्यार मिल रहा है.इसके साथ ही 'रामायण की लोकप्रियता को देखते हुए ये कहना गलत नहीं होगा कि ये देश का सबसे प्रभावशाली धारावाहिक बन गया है जिसके हर पात्र को लोग पसंद करते हैं और उनको सोशल मीडिया पर फॉलो भी करते हैं.'

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