आज से हुई है रमा एकादशी की शुरुआत, जानें पूजा का शुभ मुहू्र्त और आरती
आज से हुई है रमा एकादशी की शुरुआत, जानें पूजा का शुभ मुहू्र्त और आरती
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आप सभी को बता दें कि कार्तिक महीने के कृष्णपक्ष में आने वाली एकादशी को रमा एकादशी कहा जाता है और ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण की उपासना करने और व्रत रखने से मनवांछित फल मिलता है. आप सभी को बता दें कि रमा एकादशी को रम्भा एकादशी भी कहा जाता है. कहते हैं यह व्रत भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है और रमा एकादशी दिवाली के त्‍यौहार के चार दिन पहले आती है आप सभी को बता दें कि इसकी शुरुआत आज सुबह 05:10 मिनट पर हो गई है और कल यानी शनिवार को 3 बजकर 13 मिनट तक रहने वाली है. आइए जानते हैं रमा एकादशी शुभ मुहूर्त.


रमा एकादशी शुभ मुहूर्त

रमा एकादशी तिथि प्रारम्भ: 3 नवंबर को 05:10 बजे
रमा एकादशी तिथि समाप्त: 4 नवंबर को 03:13 बजे
रमा एकादशी पारण समय : 4 नवम्बर को सुबह 08:47 से 08:49 बजे तक

रमा एकादशी आरती

ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता
विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता

तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी
गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी

मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी
शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आईपौष के कृष्णपक्ष की, सफला नामक है
शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै

नाम षटतिला माघ मास में, कृष्णपक्ष आवै
शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै

विजया फागुन कृष्णपक्ष में शुक्ला आमलकी,
पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की

चैत्र शुक्ल में नाम कामदा, धन देने वाली
नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैसाख माह वाली

शुक्ल पक्ष में होय मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी,
नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी

योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्णपक्ष करनी
देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनीकामिका श्रावण मास में आवै, कृष्णपक्ष कहिए
श्रावण शुक्ला होय पवित्रा आनन्द से रहिए

अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ला
इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला

पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी
रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी

देवोत्थानी शुक्लपक्ष की, दुखनाशक मैया
पावन मास में करूं विनती पार करो नैया

परमा कृष्णपक्ष में होती, जन मंगल करनी
शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्र हरनी

जो कोई आरती एकादशी की, भक्ति सहित गावै
जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै

धनतेरस पर खरीद लें चांदी का कड़ा और पहने इस दिन, होगा महालाभ

दिवाली पर घर में बनाए यह ख़ास रंगोली, खींची चली आएंगी माँ लक्ष्मी

दिवाली पर सब कामों की सिद्धि के लिए जरूर पढ़े यह मंत्र

 

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