कानपुर : राम जेठमलानी द्वारा भारतीय जनता पार्टी पर वार किया गया है। राम जेठमलानी ने पार्टी को लेकर सीधे तौर पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। जिसमें उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को किसी केस में बचाने का उनका कोई इरादा नहीं था। हां उन्हें प्रोटेक्ट करने के लिए जरूर मुझे बुलाया जा रहा था। मैंने इंकार किया तो मुझ पर कार्रवाई हुई।
दरअसल राम जेठमलानी अटलजी के कार्यकाल में शहरी विकास मंत्री बने। अटल द्वारा कानून मंत्रालय जयललिता के रिश्तेदार को देने का निर्णय लिया गया। राम जेठमलानी ने कहा कि अटल जी उनसे डरते थे। मेरे जवाब पर वो कुछ बोल नहीं पाते थे। वे इतना डरे हुए थे कि उन्होंने मुझे शहरी विकास मंत्रालय से हटाने की घोषणा भी कर दी थी। बाद में उन्हें इस मंत्रालय से हटाकर कानून मंत्री बना दिया था।
इस मंत्रालय में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके बाद उन्होंने इस्तीफा मांग लिया। राम जेठमलानी ने कहा कि अपने कार्य को बेबाकी से करते हुए उन्होंने इस्तीफा दे दिया। हां इसके बाद से मैंने कभी भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से भेंट नहीं की।
उन्होंने महत्वपूर्ण तथ्य उजागर करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाजपा में नेतृत्व कई नेताओं को पसंद नहीं आ रहा है। कई महत्वपूर्ण नेता मोदी के प्रधानमंत्री बनने से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मुझे यह कहने में शर्म का अनुभव होता है कि मोदी हमारे देश के प्रधानमंत्री नहीं हैं बल्कि दूसरे देशों के प्रधानमंत्री हैं।