29 अगस्त का दिन अर्थात श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा या श्रावणी पौर्णिमा जो सभी के जीवन में उल्लास का वातावरण लेकर आएगी। इस दौरान भाई - बहन के आत्मीय संबंध के प्रतीक के तौर पर रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। बीते कई वर्षों की तरह इस वर्ष भी भाईयों को अपनी कलाई पर राखी बंधवाने का इंतज़ार रहेगा। छोटे बच्चों की मौज होगी। रक्षाबंधन के इस पर्व के ही साथ सभी एक दूसरे को उपहार देंगे। माना जा रहा है कि इस बार फिर भद्रा का असर होगा जिसके कारण रक्षाबंधन का पर्व दोपहर बाद ही प्रारंभ हो सकेगा।
वर्ष 2013, 2014 और 2015 में भी भद्रा का असर रहा। धार्मिक मान्यता है कि इस काल में रक्षाबंधन का पर्व नहीं मनाया जाता है। मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को देशभर में रक्षाबंधन की धूम रहेगी। बड़ी संख्या में लोग अपनी बहनों से राखियां बंधवाऐंगे। तो बहनों को भी भाईयों से मिलने वाले गिफ्ट का इंतज़ार होगा। तो दूसरी ओर बहनें भी अपने भाईयों को गिफ्ट प्रदान करेंगी। हर्षोल्लास के बीच कहीं घेवर से मुंह मीठा होगा तो कहीं फैनी की सुगंध से वातावरण महक उठेगा।
इस दौरान सभी अपने भाईयों और परिवार के साथ लजीज़ व्यंजनों के स्वाद का आनंद लेंगे। रक्षाबंधन के इस पर्व को लेकर हर कोई करीब दो दिन पहले से ही अपने परिवार से मिलने पहुंच गया है। जहां बहनें अपने भाईयों से मिलने पहुंच रही हैं तो भाई भी अपनी बहनों के यहां रक्षाबंधन पर्व मनाने पहुंच रहे हैं। इस बार भद्रा काल होने से दोपहर तक रक्षाबंधन का पर्व नहीं मनाया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि भद्रा का संबंध सूर्य और शनि से है। इस वर्ष दोपहर करीब 1.40 बजे तक भद्राकाल रहेगा। जिसके बाद ही रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकेगा।