निर्भया कांड : नाबालिग की रिहाई के लिए राज्यसभा दोषी है
निर्भया कांड : नाबालिग की रिहाई के लिए राज्यसभा दोषी है
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नई दिल्ली : निर्भया कांड के नाबालिग की रिहाई के कोर्ट के फैसले को लेकर राजनीति शुरु हो गई है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने नाबालिग की रिहाई पर कहा कि इसके लिए राज्यसभा जिम्मेदार है। उनका कहना है कि यदि राज्यसभा में लंबित विधेयक पारित हो जाता तो नाबालिग की रिहाई कभी नही हो पाती। इस विधेयक में 16 से 18 साल की उम्र में जघन्य अपराध करने वालों के लिए कठोर सजा का प्रावधान है।

मेनका ने संसद परिसर में कहा कि मैं विधेयक पारित न होने के लिए राज्यसभा को दोषी मानती हूँ। यदि वो विधेयक पारित कर देती तो नाबालिग बरी नही हो पाता। मौजूदा कानून 6 आरोपों में सबसे क्रूरता दिखाने वाले किशोर को सजा देने के लिए अपर्याप्त है। फिलहाल हम कुध भी करने में असमर्थ है।

इस फैसले पर आईपीएस अधिकारी किरण बेदी का कहना है कि अब भी पुलिस उस नाबालिग को गिरफ्तार कर सकती है। इसके लिए रिहाई के खिलाफ पहले सुप्रीम कोर्ट में अपील करें और फैसला आने तक पुलिस उसे Code of Criminal Procedure, 1973 की धारा 107/151 के तहत शांति भंग करने की आशंका में हिरासत में ले सकती है। बेदी ने ये बातें ट्वीट कर कही।

सामाजिक कार्यकर्ता रंजना कुमारी ने कहा कि कानून निर्माता सांसद ही गंभीर नही है। इसी कारण राज्यसभा ने विधेयक को लटकाए रखा।

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