नई दिल्ली : एक बार फिर संसद के राज्यसभा सदन में हंगामा हुआ। सांसद दिल्ली राज्य के प्रमुख सचिव के कार्यालय में छापे के मसले के ही साथ अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल की भूमिका पर सवाल कर रहे थे। राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। हंगामे से सदन की कार्रवाई बाधित हुई। लगभग 5 बार सदन को स्थगित करना पड़ा।
मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस ने अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल को बर्खास्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि वे जो भी कर रहे हैं वह लोकतंत्र और संविधान की हत्या है। सत्ता पक्ष द्वारा सदन में कई तरह का मसला उठाए जाने का विरोध किया गया। राज्य विधायिका के मसले पर सदन में चर्चा नहीं किए जाने की बात सरकार के सांसदों ने कही।
विपक्ष के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने अरूणाचल के राज्यपाल का विरोध किया उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को सूचित किए बगैर विधानसभा का शीतकालीन सत्र आमंत्रित किया। यह गलत बात है। राज्य सरकार और विधायिका के कार्यों में हस्तक्षेप करने और उसका एजेंडा तय करने की बात भी कही गई।
उनका कहना था कि राज्यपाल द्वारा विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री से परामर्श किया जाना जरूरी था। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने स्वयं ही एजेंडा तय किया और निर्णय लिया कि विधानसभा अध्यक्ष कार्रवाई का संचालन नहीं करेंगे। इस मामले में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विधानसभा की कार्रवाई के लिए किसी भी तरह की बात तय करना राज्यपाल का अधिकार नहीं है।
इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली द्वारा कहा गया कि संसद में राज्य विधानसभा से जुड़े मसलों पर चर्चा नहीं की जा सकती। उनका कहना था कि राज्य विधानसभा में क्या घट रहा है सदन में इस मामले में चर्चा नहीं की जाना चाहिए।