नई दिल्ली: गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरूवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग करने का गवर्नर सत्यपाल मलिक का फैसला है इसमें भाजपा की कोई भूमिका नहीं है। जानकारी के अनुसार बता दें कि हिंदुस्तान टाइम्स को दिए साक्षात्कार में राजनाथ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने वहां के राजनीतिक हालात को देखते हुए ये फैसला लिया। वे जानते थे कि राज्य में नई सरकार बनाना अभी संभव नहीं है। इस फैसले में भाजपा की कोई भूमिका नहीं है।
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वहीं राजनाथ सिंह ने आगे कहा ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग भाजपा को इसमें खींचने की कोशिश कर रहे हैं। गौरतलब है कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख मेहबूबा मुफ्ती और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस लीडर सज्जाद लोन दोनों के एक नई सरकार बनाने के दावों के बाद राज्यपाल मलिक ने बुधवार की देर रात राज्य विधानसभा को भंग कर दी थी। वहीं मुफ्ती ने कहा था कि उन्हें पीडीपी, एनसी और कांग्रेस का समर्थन हासिल है।
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दरअसल बता दें कि जम्मू कश्मीर में तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच बुधवार को गवर्नर सत्यपाल मलिक ने आनन फानन में विधानसभा भंग कर दी। वहीं इस आदेश के बाद नई सरकार के गठन की अटकलों और प्रयासों पर विराम लग गया। बता दें कि 19 दिसम्बर को राज्यपाल शासन समाप्त हो रहा है। उसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू होना लगभग तय है, समझा जाता है कि लोकसभा चुनाव के साथ जम्मू कश्मीर विधानसभा के चुनाव कराए जा सकते हैं।
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