बुधवार को कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने लोकसभा में कश्मीर मध्यस्थता वाले ट्रंप के बयान पर प्रधानमंत्री से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया. लोकसभा में विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण संशोधन विधेयक पर हुई चर्चा का गृहमंत्री अमित शाह ने जवाब दिया. उन्होंने कहा, ‘आप पूछते हैं आतंकवाद के खिलाफ कठोर कानून क्यों बना रहे हैं? मैं कहता हूं आतंकवाद के खिलाफ कठोर से कठोर कानून होना चाहिए. आतंकवाद बंदूक से पैदा नहीं होता. आतंकवाद उन्माद फैलाने वाले प्रचार से पैदा होता है.’
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कश्मीर मध्यस्थता वाले ट्रंप के बयान पर प्रधानमंत्री से स्पष्टीकरण पर मंगलवार को दोनों सदनों में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ट्रंप व प्रधानमंत्री मोदी के बीच ऐसी कोई बात नहीं हुई. बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से कहा है कि ओसाका में जी 20 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर मसले पर उनसे मध्यस्थता की अपील की. रक्षा मंत्री के जवाब देने के बावजूद कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियां लोकसभा से वॉकआउट कर गई. राज्यसभा में विपक्ष ने निर्णय लिया है कि 16 में से 7 विधेयकों को ज्वाइंट सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाएगा. इन विधेयकोंमें आरटीआइ संशोधन विधेयक, ट्रिपल तलाक विधेयक और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन विधेयक, 2019 भी शामिल है.
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अभी कुछ ही देर पहले लोकसभा में अपने बयान में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, ‘पाकिस्तान से बात होगी तो सिर्फ कश्मीर पर नहीं, पाक अधिकृत कश्मीर पर भी होगी. कश्मीर के सवाल पर किसी की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेंगे क्योंकि यह हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान का प्रश्न है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘विदेश मंत्री एस जयशंकर जी के कहे अनुसार राष्ट्रपति ट्रंप व प्रधानमंत्री मोदी के बीच कश्मीर मसले पर चर्चा नहीं हुई. कश्मीर में मध्यस्थता का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि यह शिमला समझौता के विरुद्ध है.’
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