style="text-align: justify;">
उत्तरप्रदेश / लखनऊ : केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि पश्चिमी उप्र सहित पूरे प्रदेश में जिस तरह बड़े पैमाने पर फसलों की बर्बादी हुई है, उसे देखते हुए वह खुद यहां यह संदेश लेकर आए हैं कि संकट के इस मुश्किल दौर में कोई भी दल राजनीति न करे। राजनाथ ने कहा कि सही मायने में पीड़ितों को भरपूर मदद पहुंचाकर इंसानियत की मिसाल पेश करने का वक्त है।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के हालात पर केंद्र सरकार पल-पल नजर रख रही है। उन्होंने कहा कि इस बाबत वहां के मुख्यमंत्री से सीधी वार्ता की है। उन्होंने किसानों से सीधा संवाद करते हुए यकीन दिलाया कि वे कतई मायूस न हों। केंद्र सरकार हर पल उनके साथ है।
वहीं, उन्होंने राज्य सरकार से भी सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर किसानों की खुले दिल से मदद करने की पुरजोर अपील की। सहारनपुर जिले के सरसावा क्षेत्र में गुरुवार को दो घंटे के प्रवास के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री ने यह बातें कही। इस दौरान उन्होंने गोविंदपुर गांव के किसानों की पूरी तरह बर्बाद फसल का मुआयना भी किया।
केंद्रीय गृहमंत्री ने बताया कि उप्र के स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड यानी एसडीआरएफ में गत वित्तीय वर्ष के अंत तक 1351 करोड़ रुपये की राशि शेष थी जबकि हालिया वित्तीय वर्ष फंड में 581 करोड़ रुपये इसी मद में शेष थे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में 506 करोड़ रुपये की अतिरिक्त रकम भी प्रदेश सरकार को आवंटित किए हैं, लिहाजा, वे प्रदेश सरकार से अपील कर रहे हैं कि, इस फंड से वह तमाम प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को भरपूर मदद और राहत मुहैया कराए।
राजनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार के स्तर पर उन्होंने उर्वरक एवं रसायन विभाग के मंत्री रामविलास पासवान से भी वार्ता की है कि, वे बेहद खराब हालत में पहुंच चुके गेहूं के दानों की भी खरीद सुनिश्चित कराएं। उप्र के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी इस बाबत वार्ता की जाएगी।