नोट बंदी की नीति सही नहीं- राजीव मिश्रा
नोट बंदी की नीति सही नहीं- राजीव मिश्रा
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लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्धारा नोट बंदी का निर्णय अच्छा है. परंतु नीति सही नहीं है यह कहना है सेंट्रल बार एसोसिएशन लखनऊ के पूर्व वाइस प्रेसिडेंट राजीव मिश्रा मंटू का, इनके अनुसार नोट बंदी के फैसले की देशवासियों ने सराहना की है परंतु निर्णय लेने से पहले तैयारियां किया जाना आवश्यक था. आज करेंसी ना होने से लोग परेशान हैं सबसे अधिक दिक्कत गांव में हो रही है जहां बैंक वाले हस्ताक्षर करा कर कागज जमा करा रहे हैं, अमाउंट भरने से मना कर रहे हैं.

इनके अनुसार जो काला धन लाने की बात हो रही है वह वापस आए या नहीं परंतु नकली करेंसी पर रोक जरुर लगेगी. इनका कहना है कि निर्णय अगर सही होगा तो सराहना होगी और गलत होगा तो आलोचना भी होगी. इनका मानना है कि देश के प्रधानमंत्री को इस मामले पर गुमराह किया गया है. उन्हें नोट बंदी से होने वाली समस्याओं के बारे में नहीं बताया गया इनका मानना है कि जिस तरीके से यह कदम उठाया गया उससे लोगों को विशेषकर गरीब वर्ग को और मध्यम वर्ग को रोजगार से संबंधित काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

उनके अनुसार जितनी संख्या में मार्केट में नोट चल रहे थे, उतने नोटों की व्यवस्था पहले से करनी चाहिए थी. इनका मानना है की 500 के नोट पहले निकालने चाहिए थे ताकि लोगों की परेशानियां कम हो सके उनका यह भी कहना है की अधिवक्ताओं के ऊपर नोट बंदी का काफी असर पड़ा है क्योंकि आने वाले मुवक्किल के पास धन की समस्या उत्पन्न हो गई है. एक तरफ उसका रोजगार प्रभावित हुआ है तो दूसरी ओर उसके पास खुले पैसे भी नहीं है इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले जमीनी हकीकत से रूबरू होना आवश्यक था.

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