जयंती विशेष: एक पायलट जिसे मजबूरियों ने बना दिया प्रधानमंत्री
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भारत के 6वें  प्रधानमंत्री और इंदिरा गांधी के बेटे राजीव गाँधी, जिन्हें वास्तव में बेकार परिस्थितियों के कारण क्रूरता से राजनीति में फेंक दिया गया था. ऐसा माना जाता है कि राजीव कभी राजनीति की गन्दगी में शामिल नहीं होना चाहते थे, वह पहले से ही एक सम्मानजनक नौकरी कर रहे थे. वे अपनी शुरुआती उम्र से पायलट बनना चाहते थे और पायलट बन भी चुके थे.

उनकी इतालियन पत्नी ने राजीव गाँधी के प्यार के चलते ही अपना देश छोड़ दिया था, क्योंकि राजीव गाँधी एक बहुत ही मृदुभाषी और दयालु व्यक्ति थे, जिसे सभी प्यार किया करते थे. वे हमेशा से फोटोग्राफी में रुचि रखते थे, जहां भी वह जाते थे वहां अपना फोटोग्राफी का शौक पूरा करते थे, उनके पास हमेशा एक कैमरा होता था. उन्हें शुरू से राजनीति से लगाव नहीं था, लेकिन उनके छोटे भाई की मौत के बाद उन्हें राजनीति में मजबूरन उतरना पड़ा. 

उनकी माता इंदिरा गाँधी की मौत के बाद तो ये तय हो गया था, कि राजीव ही उनकी जगह अगले प्रधानमंत्री होंगे, अब तक राजीव को भी राजनीति रास आने लगी थी और वे भी पीएम बनना चाहते थे.  21 मई 1991 के दिन तमिलनाडु में उनकी हत्या कर दी गई, यह वो दिन था जब भारत ने अपना सबसे समर्पित राजनेता खो दिया था. इस नायक को हमेशा लोगों द्वारा याद किया जाता रहा है. उनकी मृत्यु के बाद, 21 वीं को भारत में आतंकवाद विरोधी दिवस घोषित किया गया है.

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