कोटा में डिप्रेशन के कारण छात्र चुन रहे है खुदखुशी का रास्ता
कोटा में डिप्रेशन के कारण छात्र चुन रहे है खुदखुशी का रास्ता
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कोटा : आजकल के बच्चो पर पढ़ाई का बोझ इतना बढ़ गया है की वे इसकी टेंशन में आत्महत्या जैसे रास्तो को अख्तियार कर रहे है. ऐसे ही मामलो में अब कोटा मुंबई से आगे पहुंच गया है. खबर के अनुसार अगर सरकारी आकड़ो पर गौर करे तो कोटा में अनेक शहरों से छात्र-छात्राएं IIT अथवा अन्य परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते है. 2014 में कोटा में करीब 45 छात्र-छात्राओं ने सुसाइड किया था. इसी साल जून से लेकर जुलाई में करीब आधा दर्जन छात्रों ने आत्महत्या की है. बता दे कि देश के करीब एक लाख छात्र छात्राए अच्छी कोचिंग के लिए कोटा का चयन करते है व इनमे से 85 फीसदी IIT की तैयारी करने वाले होते है. 

डाक्टरों का कहना है की कोटा में कोचिंग करने वाले 70 फीसदी छात्र-छात्राएं डिप्रेशन के शिकार होते हैं. अभी कोटा में एक योगेश जोहरे नामक छात्र ने आत्महत्या कर ली. यह छात्र करीब दो सप्ताह पूर्व ही जेईई की तैयारी के लिए कोटा आया था। जाँच में पता चला की यह छात्र तीन-चार दिन से काफी डिप्रेशन में था। कोटा में भी छात्र-छात्राओं का डिप्रेशन में आकर मौत का रास्ता चुनना बढ़ता जा रहा है.  

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