जयपुर: तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के समय की गई किसानों की कर्जमाफी में घोटाले को लेकर डूंगरपुर जिला इन दिनों चर्चाओं में है. केन्द्रीय कॉपरेटिव बेंक व जिला प्रशासन के पास 30 से ज्यादा ग्रामीण सहकारी समितियों द्वारा हजारों लोगों के नाम से अवैध तरीके से करोड़ो का ऋण लेकर उसे माफ कराने की शिकायतें आ चुकी है.
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वहीं घोटालों की शिकायतों का सिलसिला निरन्तर जारी है. इधर मामला प्रकाश में आने के बाद राज्य सरकार ऑडिटर्स की टीम से पुरे घटनाक्रम की जांच करवा रही है. तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने किसानों को ऋण से राहत देते हुए 50 हजार तक का कर्ज माफ कर दिया था. जिसके तहत डूंगरपुर जिले में 65 हजार किसानों का 188 करोड़ तक का कर्ज़ा माफ़ कर दिया गया था. कर्जमाफी का लाभ उठाने वाले किसानों की सूचियों को सहकारिता विभाग द्वारा ऑनलाइन जारी किया गया था.
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इधर सूचियों के ऑनलाइन जारी होने से बाद ग्रामीण सहकारी समिति द्वारा किए गए घोटाले सामने गए. ग्रामीण सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों ने कभी भी ऋण नहीं लेने वाले लोगों के नाम से कर्जा उठाकर उसे सरकार द्वारा माफ़ करा दिया गया. इन लोगो में सरकारी कार्मिक, एनआरआई, विद्यार्थियों के नाम भी शामिल है. इतना ही नहीं ग्रामीण सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों ने मृत लोगों को भी नहीं छोड़ा, प्रबंधकों ने उनके नाम से भी ऋण लेकर कर्ज माफ़ी का लाभ उठा लिया. फ़िलहाल राज्य सरकार ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.
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