जयपुर: राजस्थान उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ जोधपुर ने राज्य पक्षी गोडावण को लेकर 8 वर्ष पूर्व बनी परियोजना में लगभग 22 करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी निरंतर गोडावण की तादाद घटने को गंभीरता से लिया है. उच्च न्यायालय में न्यायाधीश संगीत लोढ़ा की खंडपीठ ने एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर पर स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दाखिल कर केंद्र सरकार और राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए 25 जनवरी तक जवाब मांगा है.
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साथ ही उच्च न्यायालय ने इस मामले में अधिवक्ता विकास बालिया को न्याय मित्र बनाया है. एक समाचार पत्र में गोडावण की घटती तादाद को लेकर 8 वर्ष पूर्व बनाई गई परियोजना और 2 वर्ष बाद फंड आने के बाद भी पिछले कुछ वक़्त मे राज्य पक्षी गोडावण की संख्या ढाई सौ से घटकर 60-70 ही रह जाने पर चिंता जताई है. उच्च न्यायालय में जस्टिस संगीत लोढा की खंडपीठ ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दाखिल की है.
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साथ ही खंडपीठ ने इस सम्बन्ध में केंद्र सरकार के संजीत पुरोहित और राज्य सरकार के अलावा महाधिवक्ता संदीप शाह को नोटिस जारी किया है, साथ ही 25 जनवरी तक जवाब देने के लिए कहा है. उच्च न्यायालय ने इस मामले में अधिवक्ता विकास बालिया को न्यायमित्र के रूप में नियुक्त किया है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 25 जनवरी को होने वाली है. अगली सुनवाई तक केंद्र और राज्य सरकार को अपना जवाब अदालत में पेश करना होगा.
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