अब किसी भी न्यायिक मामले में नहीं होगा जाति का जिक्र, अदालत ने सुनाया बड़ा फैसला
अब किसी भी न्यायिक मामले में नहीं होगा जाति का जिक्र, अदालत ने सुनाया बड़ा फैसला
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जयपुर: राजस्थान उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि किसी भी न्यायिक या प्रशासनिक मामले में व्यक्ति की जाति की जानकारी नहीं दी जाएगी. सोमवार को इसकी अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है. व्यक्ति में आरोपित भी शामिल हैं जिनकी जाति नहीं बताई जाएगी. जाति का जिक्र किसी भी न्यायिक या प्रशासनिक मामले में नहीं करने का आदेश दिया गया है.

उच्च न्यायालय की तरफ से जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि जाति बताया जाना संविधान की भावना के विरुद्ध है. इसके साथ ही राजस्थान उच्च न्यायालय के एक आदेश के विपरीत भी है. इसलिए किसी भी व्यक्ति की जाति का जिक्र न्यायिक या प्रशासनिक मामले में नहीं किया जाएगा. उच्च न्यायालय का आदेश सोमवार देर रात कोर्ट की वेबसाइट पर जारी किया गया.

दरअसल, जुलाई 2018 में बिशन नाम के एक शख्स को जेल अधिकारियों ने जमानत पर रिहा नहीं किया. जमानत 5 दिन तक लटकाए रखी जबकि उच्च न्यायालय ने इसका आदेश दे दिया था. इसका कारण यह था कि अदालत के आदेश में उस व्यक्ति की जाति मेल नहीं खा रही थी, जिसका जिक्र पुलिस के गिरफ्तारी मेमो में था. इस मामले के बाद अदालत के न्यायमूर्ति संजीव प्रकाश शर्मा को लगा कि किसी व्यक्ति की पहचान उसकी जाति से नहीं बल्कि उसके माता-पिता के अनुसार होनी चाहिए.

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