राजस्थान में पतंजलि द्वारा बनाई गई कोरोना बीमारी की दवा "कोरोनिल' की बिक्री नहीं होगी. राज्य के चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बिना आईसीएमआर व सरकार की अनुमति के दवा तैयार करना गलत है, इसलिए प्रदेश में कहीं भी इसकी बिक्री नहीं होनी चाहिए.
पोलैंड में 25 हज़ार सैनिक तैनात करेगा अमेरिका, रूस हो सकता है नाराज़
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कोरोनिल की बिक्री नहीं हो इसके लिए जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी निगरानी रखेंगे. दवाईयों की दुकानों पर आकस्मिक चेकिंग की जाएगी. ऐलोपथी व होम्योपैथिक दवा की दुकानों की चेकिंग के लिए ड्रग इंसपेक्टर्स की ड्यूटी लगाई गई है. प्रदेश में पतंजलि के स्टोर्स पर भी नियमित तौर पर निगरानी रखी जाएगी. डॉ.शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दिव्य फॉर्मेसी की अन्य दवाओं पर भी निगरानी रखी जाए.
'अंडे देने के लिए नहीं हैं हथियार, चीन को मुंहतोड़ जवाब दे भारतीय सेना'
अपने बयान में उन्होंने कहा कि भारत सरकार के जरिए ड्रग्स एंट कॉस्मेटिक एक्ट 1940 एवं 1945 के तहत 21 अप्रैल 2020 को जारी गजट नोटिफिकेशन के मुताबिक केंद्रीय आयुष मंत्रालय की इजाजत के बिना कोविड-19 महामारी की दवा के रूप में किसी भी आयुर्वेदिक औषधि को बेचा नहीं जा सकता है. कोविड-19 महामारी के उपचार की दवा के रूप में किसी भी औषधी को बेचे जाने पर विक्रेता के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी. साथ ही कहा कि राज्य की एक प्रावइेट यूनिवर्सिटी में मरीजों पर ट्रायल किया गया और हमें इस बात की जानकारी ही नहीं है. आईसीएमआर और डब्ल्यूएचओ की अनुमति बिना दवा बनाने का दावा करना आयुष मंत्रालय के गजट नोटिफिकेशन के प्रावधानों के खिलाफ है. बाबा ने जयपुर की जिस यूनिवर्सिटी के जिस अस्पताल में मरीजों पर दवा का ट्रायल करने का दावा कर रहे हैं, वहां राज्य सरकार ने भी मरीजों को क्वारंटीन किया था और उनमें से कई तीन दिन में ठीक हुए हैं.
बंगाल सरकार नहीं बढ़ाना चाहती किराया, बस मालिका जल्द लेंगे फैसला
मोदी सरकार से कांग्रेस का सवाल, कहा- किस हैसियत से चीन दौरे पर जाते हैं शौर्य डोभाल ?
विवादित ट्वीट करके फंसे जीतू पटवारी, महिला आयोग कर रहा कार्रवाई की तैयारी