राजस्थान में पाठ्य पुस्तक से हटाया जौहर का चित्र, राजपूतों ने दी आंदोलन की चेतावनी
राजस्थान में पाठ्य पुस्तक से हटाया जौहर का चित्र, राजपूतों ने दी आंदोलन की चेतावनी
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चित्तौड़गढ़: राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के बाद गहलोत सरकार का पाठ्य पुस्तकों में भारतीय संस्कृति से सम्बंधित महापुरुषों की कहानी हटाए जाने के फैसले का काफी विरोध हो रहा है. प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की एक किताब के मुख्य पृष्ठ से जौहर का चित्र हटाने के फैसले के बाद चित्तौड़गढ़ में जौहर स्मृति संस्थान ने रविवार को एक बैठक कर इस किस्म के परिवर्तन को गलत करार दिया है.

शहर के जौहर भवन में संभाग के पदाधिकारियों की एक मीटिंग हुई. बैठक के दौरान रविवार को सरकार के इस फैसले पर आक्रोश व्यक्त किया गया. इसके साथ ही इस फैसले के खिलाफ विरोध की आगामी रणनीति भी बनाई गई. जौहर स्मृति संस्थान के प्रमुख तखत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि अगले दो दिन में उदयपुर संभाग समेत अन्य जिला मुख्यालय पर सर्व समाज प्रदेश सरकार को इस मुद्दे पर ज्ञापन सौंपने जा रहा है. जिसके बाद अगर निर्धारित समय सीमा के भीतर उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो फिर महाराणा प्रताप जयंती पर चित्तौड़ से उग्र आंदोलन का आगाज़ होगा.

बैठक के दौरान शिक्षा मंत्री गोपाल सिंह डोटासर द्वारा पाठ्य पुस्तकों और किसी भी जाति समाज के इतिहास के साथ सियासी वजहों के चलते  वाले परिवर्तन को गलत करार दिया है. इस दौरान उपस्थित लोगों ने कहा है कि चित्तौड़गढ़ में ही तीन मुख्य जौहर हुए थे. जो देश के इतिहास के गौरव से सम्बंधित गाथा है.

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