राजस्थान: कर्ज से परेशान होकर युवा किसान ने लगाई फांसी, प्रशासन बोला- नाज़ायज़ संबंध के कारण मरा
राजस्थान: कर्ज से परेशान होकर युवा किसान ने लगाई फांसी, प्रशासन बोला- नाज़ायज़ संबंध के कारण मरा
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जयपुर: राजस्थान में बांदा के लुकतारा में एक युवा किसान ने कर्ज के दबाव में आकर आत्महत्या कर ली, मगर राज्य का प्रशासन ने मामले में रिपोर्ट देने के बजाय इसे नाज़ायज़ संबंध का मामला करार दिया है। इससे क्षेत्र के लोगों में आक्रोश है। रिपोर्ट के मुताबिक, किसान ने सूदखोरों और बैंक से लगभग तीन लाख रुपये का लोन लिया था, इस बार उसकी फसल अच्छी हुई थी, युवा किसान को उम्मीद थी कि कर्ज भी चुक जाएगा और कुछ बचत भी होगी, मगर पूरी फसल आवारा पशु खा गए। वहीं, कर्जदारों ने रकम वापसी के लिए दबाव डालने लगे थे। ऐसे में किसान ने अपने घर में फंदा लगा कर ख़ुदकुशी कर ली।

रिपोर्ट के अनुसार, देहात कोतवाली क्षेत्र में अंतर्गत आने वाले लुकतारा गांव के रहने वाले युवा किसान पुष्पेंद्र यादव (22) के पिता की तीन साल पहले ही जान जा चुकी है। चूंकि उन्हें कोई रोजगार नहीं है और कोई जमा पूंजी भी नहीं है। ऐसे में वह खेती करके ही अपने व अपने परिवार का पालन कर रहे थे। मृतक के परिवार वालों ने बताया कि इस साल उन्होंने लगभग 3 लाख रुपये का ऋण लेकर खेती की थी। इसमें बहुत पैसा बैंक का भी था। यह कर्ज फसल बेच कर चुकाया जाना था। इस बार फसल भी अच्छी हुई थी, सबको लग रहा था कि बड़े आराम से पूरा कर्ज चुकाने के बाद भी कुछ पैसे बच भी जाएंगे। मगर, आवारा पशुओं ने एक ही दिन में पूरी फसल चट कर दी। ऐसे हालात में पुष्पेंद्र बर्दाश्त नहीं कर पाए और उन्होंने ख़ुदकुशी कर ली।

परिजनों ने बताया कि फसल तबाह होने के बाद अपने पैसों के लिए सूदखोर दबाव डालने लगे थे। उन्हें जेल भिजवाने तक की धमकी दे रहे थे। इसी बीच बैंक ने भी नोटिस भेज दिया। चूंकि भविष्य में इतना बड़ा कर्ज चुकाने के लिए कोई रास्ता नहीं दिख रहा था। ऐसे में पुष्पेंद्र के सामने ख़ुदकुशी ही एक मात्र विकल्प नजर आया। उन्होंने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी है। मामला तूल पकड़ने पर मीडिया ने इस घटना के संबंध में स्थानीय प्रशासन से बात की। किसान के परिजनों को आर्थिक मदद दिए जाने के संबंध में पूछा गया। मगर, प्रशासन ने इस घटना को नाज़ायज़ संबंध का मामला करार देते हुए टाल दिया। वहीं, प्रधान व पूर्व ब्लाक प्रमुख अड्डू यादव ने जानकारी दी कि, मृतक के परिवार में आर्थिक तंगी थी। इसी तरह बुंदेलखंड किसान यूनियन के प्रदेश इकाई के अध्यक्ष विमल शर्मा ने भी कहा कि आर्थिक तंगी के कारण किसान ने ख़ुदकुशी की है। इन सबके बावजूद राजस्थान का प्रशासन किसान की मौत का मजाक बना रहा है। बता दें कि, राज्य की कांग्रेस सरकार ने चुनाव के समय किसानों का कर्ज माफ़ करने का वादा किया था, लेकिन आज एक युवा किसान की मौत को राज्य का प्रशासन नाज़ायज़ संबंध के कारण हुई मौत बताकर किसान परिवार के जख्मों पर नमक रगड़ रहा है 

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