चित्तोड़ के किले में 'रानी पद्मावती' का अपमान, खिलजी का गुणगान.., CM गहलोत ने करवाया आयोजन
चित्तोड़ के किले में 'रानी पद्मावती' का अपमान, खिलजी का गुणगान.., CM गहलोत ने करवाया आयोजन
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जयपुर: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ की महारानी पद्मिनी से संबंधित विवादित तथ्यों को दर्शाने पर अशोक गहलोत की अगुवाई वाली राजस्थान की कांग्रेस सरकार विवादों में आ गई है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्य की कांग्रेस सरकार को चेतावनी देते हुए इसे हिंदुओं के स्वाभिमान पर चोट करार दिया है। शेखावत ने कहा कि महारानी पद्मिनी राजस्थान की आन, बान और शान हैं और मरुधरा की महानता की तिलक हैं। दरअसल, गहलोत सरकार ने ऐतिहासिक चितौड़गढ़ किले में 5 करोड़ रुपए की लागत से 3D लाइट एंड साउंड शो आयोजित करवाया था, जिसका लोकार्पण केंद्रीय मंत्री अर्जुनलाल मेघवाल और सीएम अशोक गहलोत ने वर्चुअल तरीके से सोमवार (27 दिसंबर) को किया था। 

इसके बाद चित्तौड़गढ़ के सांसद चंद्रप्रकाश जोशी (सीपी जोशी) ने आपत्ति दर्ज कराते हुए इसे रुकवा दिया। इसको लेकर क्षत्रिय समाज के लोगों की एक मीटिंग भी हुई है। केंद्रीय मंत्री शेखावत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, 'पूज्य रानी पद्मावती का जौहर हमारे माथे पर मरुधरा की महानता का तिलक है। हम उन पर देवतुल्य माता की भाँति आस्था रखते हैं। उनकी पवित्रता से खिलवाड़ हमारी मातृभूमि की अवज्ञा है। कॉन्ग्रेस नतीजे भुगतने को तैयार रहे।' आगे शेखावत ने लिखा कि, 'चित्तौड़गढ़ में लाइट एंड साउंड शो में राजस्थान की आन, बान और शान पूज्य रानी पद्मावती जी से जुड़े गल्प को ऐतिहासिक कथा के रूप में दिखाया जाना जन-स्वाभिमान पर चोट है। यह जगविदित है कि पूज्य रानी पद्मावती जी राजस्थान की अस्मिता के लिए क्या मायने रखती हैं। तुष्टिकरण की नीयत से यह चित्रण जान-बूझकर किया गया। गल्प को सत्य बताने की मंशा से।'

शेखावत ने अगले ट्वीट में लिखा कि, 'पूज्य रानी पद्मावती जी के जरिए राजपूती मान पर प्रहार करना इसी षड्यंत्र का हिस्सा है। कॉन्ग्रेस हिंदुओं में हीनभावना भरना चाहती है क्योंकि उसे हिंदुओं की एकजुटता से खतरा महसूस होता है। कॉन्ग्रेस शासन आने के बाद राजस्थान में लगातार हिंदू समुदाय से दोयम दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है। हिंदू और हिंदुत्व में अंतर करते व्याख्यान गढ़े जा रहे हैं। उनमें फूट डालने की कोशिश की जा रही है।' उन्होंने गहलोत सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि इस मामले को ऐसे ही रफा-दफा नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने लिखा कि 'कांग्रेस इस प्रकरण से बच निकलने का रास्ता भी सोच चुकी होगी क्योंकि लाइट एंड साउंड शो के बहाने उसने अपनी चाल चल दी है। उसे अब मूल विषय से ध्यान हटाकर एक नया प्रोपेगेंडा खड़ा करना है।' इस शो के आपत्तिजनक तथ्यों को लेकर राजपूत समाज ने भी विरोध जताया है।

दरअसल, राजपूताने के इतिहास से संबंधित चित्तौड़गढ़ दुर्ग में आने वाले पर्यटकों के लिए दुर्ग के कुंभा महल में इस लाइट का शो का आयोजन राजस्थान के पर्यटन विभाग द्वारा किया गया था। हालाँकि, 45 मिनट के इस शो के 16वें मिनट में आपत्ति जाहिर करते हुए स्थानीय सांसद सीपी जोशी ने इसे बंद करवा दिया और विवादित हिस्से को हटाकर इसे चलाने की बात कही। इस में महारानी पद्मिनी को अलाउद्दीन खिलजी द्वारा शीशे में देखने की बात का उल्लेख किया गया है। इस बात पर पहले भी विवाद हो चुका है। इसी बात को लेकर दीपिका और रणवीर सिंह की फिल्म पद्मावत पर भी विवाद हो चुका है। बाद फिल्म के नाम को पद्मावती से बदलकर पद्मावत रखा गया था।

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