'हिन्दुओं शस्त्र रखोगे तो सुरक्षित रहोगे', द कश्मीर फाइल्स पर राजा भैया का बेबाक बयान
'हिन्दुओं शस्त्र रखोगे तो सुरक्षित रहोगे', द कश्मीर फाइल्स पर राजा भैया का बेबाक बयान
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बॉलीवुड में सुपरहिट होने वाली फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर हर व्यक्ति अपनी बात रख रहा है और अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है। आम व्यक्ति से लेकर बड़े-बड़े राजनेता तक इस बारे में अपनी राय व्यक्त कर चुके हैं। जी हाँ और इस फिल्म को कई नेताओं का भी समर्थन और विरोध दोनों मिला है। अब इन सभी के बीच कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजाभैया ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि, 'कश्मीर फाइल्स फिल्म में हिंदू समाज की व्यथा दिखाई गई है।'

जी दरअसल विवेक अग्न‍िहोत्री के निर्देशन में बनी द कश्मीर फाइल्स बॉक्स ऑफ‍िस पर अपना जलवा बिखेर रही है और हर दिन फिल्म की कमाई बढ़ती चली जा रही है। अब इस बीच कुंडा तहसील के किलहनापुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में जब राजाभैया पहुंचे तो यहाँ उन्होंने कहा कि, '32 साल पहले धार्मिक आधार पर एक ही रात में कश्मीर से पांच लाख हिंदुओं को विस्थापित कर दिया गया। यह दुर्भाग्य रहा कि किसी भी समाचार चैनल ने वहां के लोगों की व्यथा नहीं दिखाई। राजनीतिक दल भी चुप रहे। अब इस फिल्म में वहां की व्यथा दिखाई गई है।'

इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि, 'भारत तभी तक धर्मनिरपेक्ष देश है, जब तक हिंदु बाहुल्य है। वह किलहनापुर स्थित एक धार्मिक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।' इसी के साथ इस दौरान वह धार्मिक संदर्भ में बात करते रहे और उन्होंने इसी बीच द कश्मीर फाइल्स फिल्म पर भी अपनी बेबाक राय दे दी। उन्होंने कहा कि 16 जनवरी 1990 में कश्मीर से पांच लाख हिंदुओं के विस्थापन की सच्चाई को इस फिल्म में दिखाया गया है, जो कुछ लोगों को बहुत खराब लग रही है। इस फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। आगे उन्होंने कहा- 'बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि कुछ लोग इस पर बात करने से भी कतराते हैं, हमारे हिंदु भाइयों के साथ कश्मीर में इतना बड़ा जनसंहार और अत्याचार हो गया, कोई राजनीतिक दल नहीं बोला, किसी एक चैनल ने इस बर्बरता को नहीं दिखाया, धर्माचार्य भी इस मामले में मौन धारण करके रह गए। हिंदुओं की व्यथा को दिखाती हुई इस फिल्म को दिखाना बंद कर दें, क्यों। क्योंकि हमारे ऊपर जो बीता, उस पर बनी यह फिल्म सच्चाई बयां कर रही है।' 

इसी के साथ रघुराज प्रताप उर्फ़ राज भैया ने अंत में यह संदेश भी दिया कि 'भगवान श्रीराम ने पिता के आदेश पर सबकुछ छोड़ा, मगर धनुष बाण धारण किए रहे, क्योंकि दुष्टों का नाश का यही एकमात्र साधन था। शास्त्र के साथ शस्त्र भी अपनाना होगा, अपनी सभ्यता व संस्कृति की रक्षा भी हम तभी कर सकते हैं। समय-समय पर हमारे देवों ने अवतार लेकर इसका उदागहरण प्रस्तुत किया है।' इस दौरान अपील करते हुए उन्होंने कहा कि, 'सनातनियों की पीढ़ियां अपने मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करें। धार्मिक कार्यक्रम के दौरान कथाव्यास आचार्य देवव्रत महाराज ने धर्म की रक्षा के प्रति लोगों को जागरूक किया। उन्होंने प्रभु श्रीराम के अवतार पर विस्तार से कथा सुनायी।'

 

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