स्पॉट फिक्सिंग में मुझे फसाया गया : राज कुंद्रा
स्पॉट फिक्सिंग में मुझे फसाया गया : राज कुंद्रा
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नई दिल्ली : इंडियन प्रीमियर लीग की फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स के सह-मालिक राज कुंद्रा ने बुधवार को खुद को निर्दोष बताया और कहा कि उनके खिलाफ सबूत न होने के बावजूद उन्हें दोषी करार दिया गया। कुंद्रा ने यह भी कहा कि आईपीएल सट्टेबाजी एवं स्पॉट फिक्सिंग घोटाला एक साजिश है और उन्हें इसमें फंसाया गया है। गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आईपीएल-6 में सट्टेबाजी के दोषी करार दिए गए कुंद्रा को न्यायमूर्ति आर. एम. लोढ़ा समिति ने मंगलवार को बीसीसीआई की क्रिकेट गतिविधियों से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया। कुंद्रा के साथ सट्टेबाजी के दोषी करार दिए गए चेन्नई सुपर किंग्स के पूर्व टीम अधिकारी गुरुनाथ मयप्पन भी वैसा ही प्रतिबंध लगाया गया है।

लोढ़ा समिति ने मंगलवार को क्रिकेट के लिए ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए दोनों दोषियों के बीसीसीआई की क्रिकेट गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए आजीवन प्रतिबंध लगा दिया और किसी भी क्रिकेट गतिविधि में हिस्सा लेने से दो वर्ष के लिए अलग से प्रतिबंधित किया है। इसके अलावा उनकी टीमों सुपर किंग्स और रॉयल्स को भी दो वर्ष के लिए निलंबित कर दिया। कुंद्रा ने बुधवार को एक वक्तव्य जारी कर कहा, "मेरे लिए यह दिन बेहद दुखद और तनाव से भरा है, क्योंकि मेरी ईमानदारी पर सवाल उठाया गया है और जांच में किया गया सहयोग मेरे खिलाफ ही उल्टा पड़ा है।"

कुंद्रा ने कहा, "मुझे जब भी बुलाया गया मैं मुद्गल समिति से मिला। मेरे मित्र को बेहद दबाव में रखा गया और थर्ड डिग्री की प्रताड़ना दी गई। मुझे अब तक अंतिम रिपोर्ट की कॉपी तक नहीं मिली है, जिसमें मेरे खिलाफ निष्कर्ष दिए गए हैं। यहां तक कि दिल्ली पुलिस और राजस्थान पुलिस को मेरे खिलाफ कार्रवाई करने लायक कोई मामला नहीं मिला और इसका स्पष्ट कारण है कि मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है। मैंने जो किया ही नहीं उसके लिए मुझे दोषी करार दिया जा रहा है।"

कुंद्रा ने कहा, "लोढ़ा समिति का गठन सिर्फ सजा निर्धारित करने के लिए किया गया था, न कि मुझे दोषी सिद्ध करने के लिए।" लोढ़ा समिति ने मंगलवार को इसके अलावा कुंद्रा और मयप्पन से संबद्ध टीमों चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स पर भी दो वर्ष के लिए निलंबन लगा दिया है। कुंद्रा ने कहा, "माननीय सर्वोच्च न्यायालय और न्याय प्रणाली में मेरी पूरी आस्था है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस मामले में मुझे दोषी साबित कर दिया गया, जबकि मैं कुछ कर भी नहीं सका। मेरा उनसे अनुरोध है कि कम से कम मेरे खिलाफ जो सबूत मिले हैं, जिनके आधार पर उन्होंने मेरी मेहनत से कमाई प्रतिष्ठा को तार-तार कर दिया, उन सबूतों को मेरे सामने भी तो पेश करें।"

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