निर्देशक ने मारा था राज कपूर को थप्पड़, सफ़ेद साडी से बहुत प्यार करते थे अभिनेता
निर्देशक ने मारा था राज कपूर को थप्पड़, सफ़ेद साडी से बहुत प्यार करते थे अभिनेता
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बॉलीवुड के 'शो मैन' कहे जाने वाले दिवंगत एक्टर-डायरेक्टर राज कपूर का जन्म आज ही के दिन हुआ था। जी हाँ, उनका जन्म 14 दिसंबर 1924 को पेशावर (पाकिस्तान) में हुआ था और उन्होंने अपने काम और अपने अंदाज से सभी का दिल जीता। राज कपूर ने अपने करियर में जिन ऊंचाइयों को छुआ, उसके पीछे उनका परिवार नहीं बल्कि उनकी मेहनत और काबिलियत रही। कहा जाता है राज कपूर जब अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के साथ मुंबई आए थे तो उनके पिता ने उन्हें मंत्र दिया था कि 'राजू नीचे से शुरुआत करोगे तो ऊपर तक जाओगे'।

उन्होंने अपने पिता की इस बात को गांठ बांध लिया और 17 साल की उम्र में 'रंजीत मूवीकॉम' और 'बॉम्बे टॉकीज' फिल्म प्रोडक्शन कंपनी में स्पॉटब्वॉय का काम शुरू किया। राज कपूर ने पृथ्वी राज कपूर जैसी हस्ती के घर जन्म लिया लेकिन इसके बाद भी राज कपूर को बॉलीवुड में कड़ा संघर्ष करना पड़ा। उनके लिए शुरुआत आसान नहीं रही थी। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक क्लैपर ब्वॉय बनकर की। कहा जाता है उस दौर में नामचीन निर्देशकों में शुमार केदार शर्मा की एक फिल्म में 'क्लैपर ब्वॉय' के तौर पर काम करते हुए राज कपूर ने एक बार इतनी जोर से क्लैप किया कि नायक की नकली दाड़ी क्लैप में फंसकर बाहर आ गई।

उनके इस बर्ताव के कारण केदार शर्मा ने गुस्से में आकर राज कपूर को जोरदार चांटा मार दिया था, हालाँकि आगे चलकर केदार ने ही अपनी फिल्म 'नीलकमल' में राजकपूर को बतौर नायक लिया। आप सभी को बता दें कि राज कपूर ने मशहूर अदाकारा मधुबाला के साथ फिल्म 'नीलकमल' में लीड रोल किया था और इस फिल्म के बाद वह सुपरहिट हो गए। राज कपूर का पूरा नाम 'रणबीर राज कपूर' था। आपको बता दें कि रणबीर अब उनके पोते यानी ऋषि-नीतू कपूर के बेटे का नाम है। वैसे राज कपूर की फ़िल्में ही नहीं बल्कि उनकी फिल्मों के कई गीत बेहद लोकप्रिय हुए, जिनमें 'मेरा जूता है जापानी' (श्री 420), 'आवारा हूं' (आवारा) , 'ए भाई जरा देख के चलो' और 'जीना इसी का नाम है' (मेरा नाम जोकर) सबसे ज्यादा मशहूर हैं। राज कपूर की फिल्मों में 'मेरा नाम जोकर', 'श्री 420', 'आवारा', 'बेवफा', 'आशियाना', 'अंबर', 'अनहोनी', 'पापी', 'आह', 'धुन', 'बूट पॉलिश' शामिल है। कहा जाता है राज कपूरको सफेद साड़ी बहुत पसंद थी।

जब वह छोटे थे तब उन्होंने सफेद साड़ी में एक महिला को देखा था, और उस पर उनका दिल आ गया था। कहा जाता है उस समय ही राज कपूर का सफेद साड़ी प्रति इतना मोह हो गया कि उन्होंने अपनी फिल्मों में काम करने वाली हीरोइनों- नरगिस, पद्मिनी, वैजयंतीमाला, जीनत अमान और मंदाकिनी को सफेद साड़ी पहनाई। केवल यही नहीं बल्कि घर में उनकी पत्नी कृष्णा भी हमेशा सफेद साड़ी ही पहना करती थीं। राज को भारत सरकार ने मनोरंजन जगत में उनके अपूर्व योगदान के लिए 1971 में 'पद्मभूषण' से सम्मनित किया था। वहीं साल 1987 में उन्हें सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान 'दादा साहब फाल्के पुरस्कार' भी दिया गया। इसी के साथ साल 1960 में फिल्म 'अनाड़ी' और 1962 में 'जिस देश में गंगा बहती है' के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर पुरस्कार भी दिया गया था। इसी के साथ साल 1965 में 'संगम', 1970 में 'मेरा नाम जोकर' और 1983 में 'प्रेम रोग' के लिए उन्हें बेस्ट डायरेक्टर का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला था। अब वह इस दुनिया में नहीं है लेकिन लोग उन्हें अपने दिलों में बसा बैठे हैं।

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