रेलवे के कार्यालय में अब कर्मचारियों की तादाद बढ़ेगी. केवल 50 प्रतिशत कर्मचारियों के दफ्तर में उपस्थिति की अनिवार्यता समाप्त हो गई है. अफसर जरूरत के अनुसार उन्हें काम पर बुला सकते हैं जिससे कि आवश्यक कामकाज पर असर नहीं पड़े. इस दौरान कोविड-19 संक्रमण रोकने के लिए सुरक्षा से जुड़े सभी कदम उठाए जाएंगे. आइए जानते है पूरी जानकारी विस्तार से
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लॉकडाउन के वक्त अधिकतर रेलवे दफ्तर में कर्मचारियों की तादाद नहीं के बराबर रहती थी. अधिकारी भी नियमित नहीं आते थे, किन्तु अनलॉक प्रारंभ होने से पहले ही सभी अधिकारियों की कार्यालय में उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई थी. शुरू में 33 फीसद कर्मचारियों को बुलाया जाता था. अनलॉक में कार्यालय आने वाले कर्मचारियों की तादाद बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दी गई. कंटेनमेंट (सील) जोन में रहने वाले, बीमार व अधिक आयु वालों को छोड़कर अन्य को बारी-बारी से बुलाया जा रहा है.
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अभी भी यह नियम लागू रहेगा और जूनियर ग्रेड और उससे ऊपर के सभी अफसर आते रहेंगे. इससे नीचे के अफसर व कर्मचारी रोस्टर के हिसाब से 24 घंटे छोड़कर कार्यालय आएंगे. लेकिन, यह नियम कार्यालय की आवश्यकता पर निर्भर करेगा. यदि अधिकारी को लगता है कि किसी कर्मचारी को बुलाना जरूरी है तो वह उसे बुला सकता है.कोविड-19 संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है, इसलिए कार्य स्थल पर शारीरिक दूरी, स्वच्छता आदि का सख्ती से पालन किया जाएगा. सभी अधिकारियों को गवर्नमेंट की तरफ से जारी दिशानिर्देश को सख्ती से पालन कराने को कहा गया है, ताकि किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो सके.
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