नई दिल्ली : अपनी आय के मुख्य स्त्रोत माल ढुलाई और मालगाडि़यों की आवाजाही को व्यवस्थित करने के लिए भारतीय रेलवे नए सिरे से गाडि़यों की समय सारिणी तैयार करेगी। जिससे रेलवे माल की आपूर्ति व्यवस्था को सुव्यवस्थित किया जा सके। दूसरी ओर ढुलाई के लिए माल आकर्षित करने के प्रयास भी किए जा सकते हैं। रेलवे द्वारा पहली बार समय सारिणी तैयार करने का कदम उठाया जा रहा है।
मामले में यह जानकारी सामने आई है कि यात्री रेलगाडि़यों को प्रधानता देने के चलते मालगाडि़यों की आवाजाही प्रभावित होती है और इससे पहुंचाया जा रहा सामान आपूर्ति के मामले में कुछ देरी से पहुंचता है, लेकिन अब इसकी आपूर्ति को त्वरित करने के लिए नए दिशा - निर्देश जारी किए जाऐंगे। जिसमें कहा गया है कि डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिीडोर काॅर्पोरेशन के प्रबंधन द्वारा रेलवे लाईनों पर अधिक दबाव बनाने के कारण मालगाडि़यों को लूप लेन में रखा जा सकता है। जिससे यात्री गाडि़यों को रास्ता दिया जा सकता है।
डीएफसीसी विशेष कंपनी है जिसके स्थापना माल परिवहन के समर्पित गलियारों के निर्माण, रखरखाव और परिचालन के लिए आवश्यक है। इन काॅरिडोर्स के पूरे होते ही परिवहन को सड़क मार्ग से रेल मार्ग तक लाने में वे काबिल हो जाऐंगे। इस दौरान माल गाडि़यों के लिए समय प्रबंधन आसान होगा। जिससे मालवाहक मालगाडि़यों को समय पर उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा सकेगा। अभी तक देखने मे यह आता है कि मालगाडि़यां यात्री गाडि़यों के लिए ट्रेक क्लियर करने के लिए काफी देर तक रोक दी जाती हैं। मगर समय सारिणी बदलने के बाद ऐसा नहीं होगा और माल भी तय समय पर पहुंच जाएगा।