हाल ही में यह देखने को मिला है की राज्यों की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के मकसद को लेकर केंद्रीय मंत्रिमंडल के द्वारा रेलवे को राज्य सरकारों के साथ संयुक्त उद्यम कंपनियों के गठन की अनुमति प्रदान की गई है. इसको लेकर यह कहा जा रहा है कि इस गठन का मुख्य उद्देश्य रेल परियोजनाओं के तेजी से क्रियान्वयन के लिए संसाधन एकत्रित करना है.
गौरतलब है कि देश के कई राज्यों से रेल लाइनों की मांग में बढ़ोतरी हो रही है और उसको अमल में लाने के लिए अधिक मात्र में धन की भी जरुरत पड़ रही है. इस जरुरत को देखते हुए ही संयुक्त उद्यम कंपनियां परियोजनाओं की पहचान, भूमि अधिग्रहण और सरकार के वित्तपोषण के अतिरिक्त संभावित वित्तपोषण और निगरानी के लिए जिम्मेदार होने वाली है.
अधिक जानकारी में यह भी बता दे कि हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक को अंजाम दिया गया है जिस दौरान ही संयुक्त उद्यम कंपनियों के गठन का फैसला किया गया है. यह भी बता दे कि इस गठन में रेलवे के साथ ही संबंधित राज्य सरकारों की इक्विटी भागीदारी होने वाली है.