बदल जाएगी रेल बजट पेश करने की 92 साल पुरानी परंपरा, आम बजट में होगा शामिल
बदल जाएगी रेल बजट पेश करने की 92 साल पुरानी परंपरा, आम बजट में होगा शामिल
Share:

नई दिल्ली : अलग से रेल बजट पेश करने की 92 साल पुरानी परंपरा जल्द ही बीते दिनों की बात बन सकती है. इसके लिए गठित एक समिति ने आम बजट के साथ इसे मिलाए जाने के तौर-तरीकों के बारे में अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्रालय को सौंप दी है. रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रेल बजट को आम बजट से मिलाने के बारे में रिपोर्ट 31 अगस्त को दी जानी थी, लेकिन किन्हीं अपरिहार्य कारणों से नहीं दी जा सकी. इसे आठ सितंबर को वित्त मंत्रालय को सौंपा गया.

जैसा की विदित है कि सरकार ने बजट को मिलाए जाने के तौर-तरीके तैयार करने को लेकर वित्त तथा रेल मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों को मिलाकर पांच सदस्यीय समिति गठित की थी. बता दें कि पिछले महीने ही रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा था मैंने वित्त मंत्री अरुण जेटली को रेल बजट को आम बजट में मिलाए जाने के लिए लिखा है. यह रेलवे के साथ-साथ देश हित में है. हम तौर-तरीकों पर काम कर रहे हैं. दरअसल इस साल के आरम्भ में नीति आयोग के सदस्य विवेक देबराय ने 'डिसपेन्सिंग विद द रेलवे बजट' शीषर्क से एक रिपोर्ट में दोनों बजट को मिलाए जाने की सिफारिश की थी.

ऐसा समझा जाता है कि इसमें दोनों बजट के विलय को लेकर आगे के लिए विस्तृत रूपरेखा तैयार की गई है. समिति ने सिफारिश की है कि अगले वित्त वर्ष के लिए आम बजट में रेल बजट के लिए संलग्नक होना चाहिए, जिसमें अनुदान, व्यय और नई परियोजनाओं का जिक्र हो. चूंकि रेलवे पहले ही विलय को मंजूरी दे चुका है, अब इस बारे में वित्त मंत्रालय को फैसला करना है. जेटली रेल बजट को आम बजट में मिलाए जाने के बारे में अंतिम निर्णय करेंगे.

हालाँकि सरकार के इस फैसले के राजनीतिक प्रभाव से इंकार नहीं किया जा सकता है. रेल मंत्री के संसदीय क्षेत्र में नई ट्रेनों और परियोजनाओं की शुरुआत कर अपने क्षेत्र को लाभ पहुंचाने के साथ ही मंत्रालय की चमक-दमक में कमी आने की आशंका बनी रहेगी.

अब ट्रेनों के अंदर मिलेगा टिकट

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -