बदलते जमाने के बजट से यात्रियों को करवाऐंगे प्रभु उड़न खटौले की सवारी
बदलते जमाने के बजट से यात्रियों को करवाऐंगे प्रभु उड़न खटौले की सवारी
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भारतीय रेल की संरचना बड़ी विशाल है। भारतीय रेल को प्रबंधित करने में आखिरकार एक बार तो रेलमंत्री सुरेश प्रभु को भी यह कहना पड़ा मैं स्वयं यह सोचता हूं कि हे प्रभु! यह कैसे होगा। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने आज अपना रेल बजट पेश किया। अजी रेल बजट क्या यह तो रेलवे के परंपरागत ढर्रे को सुधारने की कवायद थी। जी हां, प्रतिवर्ष रेल बजट में यह हुआ करता था कि आमजन को खुश करने के लिए किराया घटा दिया जाता था। कभी रेलवे को आय दिलवाने के नाम पर किराया बढ़ा दिया जाता था तो लोग हंगामा करने लगते थे। मगर अब रेल बजट एकदम अलग बनाया गया है। 

दरअसल रेल बजट में मालभाड़े को रेल की आय का प्रमुख स्त्रोत बताया गया है। मगर रेल गाडि़यों का किराया नहीं बढ़ाया गया दरअसल इसमें एक रेलमंत्री की वास्तविक सूझबूझ नज़र आती है जो कि यात्री किराया न बढ़ाकर यात्रियों को लाभ प्रदान करते हैं तो दूसरी ओर मालभाड़े के माध्यम से रेलवे को कमर्शियलाइजेशन की ओर ले जाते हैं। सुरेश प्रभु के रेल बजट में उदय, तेजस जैसी रेल सेवाओं के परिचालन से रेलवे के नवीनीकरण का परिचय रेलमंत्री ने दिया है। यही नहीं रेल मंत्री ने अपने बजट में महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया।

यह बजट में एक संतुष्टिप्रद बिंदू रहा। रेलवे ने 182 का हेल्पलाईन नंबर जारी किया। रेलवे के माध्यम से ट्रेनों की स्पीड बढ़ाकर यात्रियों को सुविधा देने की बात हुई तो वहीं शौचालयों के आधुनिकीकरण की बात उन्होंने रखी। रेलवे के डिब्बों में अन्य सुविधाऐं उपलब्ध करवाकर यात्रियों को खुश किया गया है। जम्मू - कश्मीर और अन्य दुर्गम क्षेत्रों में रेल सेवाओं के परिचालन और बढ़ोतरी को लेकर भी रेल मंत्री ने रेलवे के कार्य का बखान किया। 

जम्मू - कश्मीर और उत्तर पूर्व के लिए रेल सेवाओं की सुविधा दिए जाने पर चर्चा करना यह जताता है कि केंद्र सरकार इन राज्यों में जनता को अच्छी सुविधाऐं प्रदान करने जा रही हैं। यात्रियों को 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली ट्रेनों की सुविधाऐं प्रदान किए जाने पर चर्चा की गई। यह रेलवे के स्वर्णिम युग को दर्शाता है। रेल सेवाओं के तहत डबल डेकर को लंबी दूरी तक चलाने के लिए रेलवे द्वारा किए जाने वाले प्रयासों की सराहना की गई। रेल मंत्री सुरेश प्रभु से प्रधानमंत्री मोदी भी बेहद खुश नज़र आए।

पीएम मोदी ने कई बारे मेजें थपथपाकर उनका अभिवादन किया यह बेहद खुशी की बात रही। एक प्रकार से इस रेल बजट में घाटे को कम करने के साथ यात्रियों को सुविधा देने पर ध्यान दिया गया। हालांकि किराये को छोड़ दिया जाए तो रेलवे यात्रियों को संतुष्ट करने के साथ अपनी आय को बढ़ाने में सफल नज़र आता है। रेलवे में पीपीपी मोड के माध्यम से विकास करने को लेकर चर्चा की गई। यह रेलवे की नई शुरूआत को दर्शाता है।

कुलमिलाकर रेलमंत्री और उनके सलाहकारों ने एक अच्छा रेल बजट प्रस्तुत किया। रेल बजट के माध्यम से उन्होंने एक नई शुरूआत भी की जिसमें यह संदेश दिया गया कि केवल गाडि़यों की घोषणा करने और यात्री किराए को घटाने, बढ़ाने से अच्छा रेल बजट प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है बल्कि रेलवे को आधुनिक दौर में बल प्रदान करने वाला रेल बजट बनाने की जरूरत है जो कि यात्रियों की सेवा भी सुगमता के साथ कर सके। 

'लव गडकरी'

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