भारत जोड़ो यात्रा या 'हिन्दू विरोधी' यात्रा ? पाकिस्तान की भाषा क्यों बोल रहे राहुल ?
भारत जोड़ो यात्रा या 'हिन्दू विरोधी' यात्रा ? पाकिस्तान की भाषा क्यों बोल रहे राहुल ?
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चंडीगढ़: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा निकाली जा रही ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू से विवादों में रही हैं। इस दौरान खुद राहुल के द्वारा कई बार ऐसी हरकतें की गई हैं, जिन्हें लोगों ने हिन्दू धर्म का अपमान माना है। अब राहुल गाँधी ने पुरोहितों पर आपत्तिजनक बयान दिया है। इसके साथ ही राहुल गांधी ने महाभारत का भी उलटा-पुलटा उदाहरण दे डाला। इसके बाद राहुल गांधी पर न केवल ब्राह्मणों के खिलाफ नफरत फैलाने, बल्कि हिन्दुओं के प्राचीन धर्म ग्रंथों की गलत व्याख्या कर दुष्प्रचार करने के इल्जाम भी लग रहे हैं। बता दें कि, हाल ही में गुजरात युथ कांग्रेस के IT सेल संयोजक अफ़ज़ल लखानी के खिलाफ भी ऐसे ही एक मामले में केस दर्ज हुआ था। दरअसल, अफ़ज़ल, हिन्दू नाम से फर्जी ID बनाकर ब्राह्मणों पर अपमानजनक टिप्पणियां करता था और हिन्दुओं को एक-दूसरे के खिलाफ भड़काकर उन्हें आपस में लड़वाने की साजिशें रच रहा था। अब राहुल के बयान को भी लोग अफ़ज़ल लखानी की करतूतों से जोड़कर देख रहे हैं और कांग्रेस पर हिन्दू विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं। 

 

 
दरअसल, राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि, 'ये देश तपस्वियों का है, ये देश पुजारियों का नहीं है। इस देश की असलियत यही है।' इस पर सोशल मीडिया पर लोग राहुल गांधी से पूछ रहे हैं कि उन्हें पुजारियों से इतनी घृणा क्यों हैं? साथ ही यह भी सवाल कर रहे हैं कि कांग्रेस नेता और राहुल गांधी लगातार हिन्दू धर्म को ही निशाना बनाकर अपमानजनक बयान क्यों देते हैं ? क्या राहुल किसी अन्य धर्म को लेकर इस तरह के बयान दे सकते हैं ? इससे पहले केरल में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी राहुल गांधी पर हिन्दू विरोधी होने के आरोप लगे थे। दरअसल, उस दौरान, राहुल गांधी, हिंदू विरोधी टिप्पणियों के लिए कुख्यात पादरी जॉर्ज पोन्नैया से मिले थे। इस समय जॉर्ज पोन्नैया ने राहुल से कहा था कि 'यीशु ही असली भगवान हैं, वो शक्ति या बाकी हिन्दू हिंदू देवताओं की तरह नहीं हैं। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमे पोन्नैया ने कहा था कि, 'यीशु मनुष्य के रूप में जन्मे असली भगवान हैं। शक्ति (माँ दुर्गा को ही 'शक्ति' कहा जाता है) और अन्य की तरह नहीं।' हालाँकि, इस दौरान खुद को कभी जनेऊधारी ब्राह्मण, कभी कश्मीरी पंडित बताने वाले, तो कभी शिवयोग सीखने की इच्छा जाहिर करने वाले राहुल गांधी, हिंदू देवताओं के ऐसे अपमान पर वीडियो में चुपचाप बैठे पादरी की बातों को सुनते नज़र आए थे। 

अब राहुल गांधी ने एक बार फिर पुजारियों को लेकर अपमानजनक बयान दिया है। बता दें कि भारत को मंदिरों का देश भी कहा जाता है, क्योंकि यहाँ हजारों मंदिर हैं और लगभग हर मंदिर में कोई न कोई पुजारी होता ही है। बड़े मंदिरों में कई पुजारी होते हैं। वे शास्त्र का अध्ययन करके, उसके अनुसार पूजा-पाठ करते व कराते हैं। गाँवों के मंदिरों के पुजारी गरीब होते हैं, जिनके परिवार का पालन-पोषण उन्हें मिलने वाले दान-दक्षिणा पर ही निर्भर करता है। वहीं, दूसरी तरफ कई राज्यों में मस्जिदों के इमामों को सरकार की तरफ से बाकायदा वेतन दिया जाता है, मगर पुजारियों को सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिलती।  ऐसे में यदि पुजारी न रहें तो मंदिर की देखरेख और प्रबंधन से लेकर समय-समय पर पूजा-आरती कैसे होगी? राहुल गांधी का बयान पाकिस्तान के एक मंत्री शेख रशीद से भी मेल खाता है, जिसने धमकी दी थी कि, 'भारत के मंदिरों में कोई घंटी बजाने वाला नहीं मिलेगा।' यानी शेख रशीद भी सीधे तौर पर पुजारियों को ही धमकी दे रहे थे, हालांकि ये भी बता दें कि, मौजूदा वक़्त में भारत में केवल ब्राह्मण ही पुजारी नहीं हैं, बल्कि अन्य जातियों के लोग भी शास्त्रों का अध्ययन करके पुजारी बन रहे हैं। ऐसे में राहुल का इस बयान को सभी हिन्दुओं के अपमान के रूप में देखा जा रहा है। 

 

इसके बाद अब भगवद्गीता और महाभारत पर राहुल गांधी ने ज्ञान दिया, 'जब अर्जुन मछली की आँख में तीर मार रहा था, तो क्या उसने कहा कि इसके बाद मैं क्या करूँगा? कहा था क्या? नहीं कहा था न? उस कहानी का मतलब गीता में भी है – काम करो, फल की चिंता मत करो।' बता दें कि ‘मत्स्य भेदन’ की प्रतियोगिता ही द्रौपदी के स्वयंवर और शादी के लिए आयोजित की गई थी। अर्जुन को पता था कि लक्ष्य भेदन करने के बाद क्या होने वाला है। गौर करने वाली बात ये भी है कि, राहुल जिस केरल राज्य से सांसद हैं, उस राज्य से सबसे अधिक युवा आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) में भर्ती हो रहे हैं। लेकिन, इसके बावजूद भी केरल में 18 दिनों तक चली भारत जोड़ो यात्रा में राहुल ने एक बार भी युवाओं से आतंकी न बनने की अपील नहीं की, और न ही आतंकी विचारधारा के खिलाफ कोई बयान दिया। हालांकि, हो सकता है, ये कांग्रेस की वोट बैंक पॉलिटिक्स का हिस्सा हो, जिसके अनुसार अफजल लखानी भी चल रहा हो। यानी हिन्दुओं को आपस में लड़वाओ और फिर सियासी फायदा उठाओ।

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