'राहुल गांधी ने बेशर्मी से...', भरी संसद में ये क्या बोल गए निशिकांत दुबे?

'राहुल गांधी ने बेशर्मी से...', भरी संसद में ये क्या बोल गए निशिकांत दुबे?
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नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र के दौरान कांग्रेस सांसद और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने फिर ऐसा भाषण दे दिया है, जिस पर बवाल मच गया है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही शुरू करने की मांग की है। निशिकांत दुबे का कहना है कि राहुल गांधी ने सदन में अपने भाषण के दौरान न केवल बेशर्मी से ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया, बल्कि भारत की छवि को नुकसान पहुँचाने का भी प्रयास किया।

रिपोर्ट के अनुसार, निशिकांत दुबे ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि राहुल गांधी ने अपने भाषण में छह प्रमुख मुद्दे उठाए, जिनमें शामिल हैं—भारत में मोबाइल फोन निर्माण, चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र पर कब्जा, अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण में भारत को आमंत्रित न किया जाना, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, चुनाव आयोग में नियुक्तियाँ और जाति-आधारित जनगणना। दुबे का आरोप है कि राहुल गांधी ने इन मुद्दों को लेकर संसद में भ्रामक दावे किए और बिना किसी प्रमाण के बातें रखीं।

दुबे ने अपने पत्र में यह भी कहा कि राहुल गांधी ने खुद ही अपने भाषण के दौरान कहा था कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों को प्रमाणित किया जाना चाहिए, लेकिन वे खुद ही इन बातों को साबित करने में विफल रहे हैं। इसके बावजूद, उन्होंने संसद के मंच का उपयोग भारत सरकार और देश की छवि को धूमिल करने के लिए किया। निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि राहुल गांधी के इन बयानों को देखते हुए उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही तत्काल शुरू की जाए। उनका कहना है कि इस तरह के बयान न केवल संसद की गरिमा को ठेस पहुँचाते हैं, बल्कि देश की छवि को भी नुकसान पहुँचाते हैं। हालाँकि, अब ये देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस के प्रधानमंत्री उम्मीदवार से अपने बयानों के प्रमाण मांगे जाते हैं या नहीं? और अगर मांगे जाते हैं, तो वे जवाब देते हैं या नहीं ?

क्योंकि, कई बार देखा गया है कि राहुल गांधी, देश-विदेश में कुछ भी दावे तो कर देते हैं, किन्तु उसे साबित करने के लिए उनके पास कुछ नहीं होता। पेगासस भी इसका एक उदाहरण है, जब राहुल ने आरोप लगाया था किस उनका फोन टेप किया जा रहा है और ये उन्हें सरकारी अधिकारियों ने ही बताया है कि उनके फोन में जासूसी सॉफ्टवेयर डाला गया है, किन्तु जब सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए राहुल से मोबाइल माँगा, तो वे नदारद हो गए। वहीं, कुछ मोबाइल्स की जांच की भी गई, तो उनमे भी पेगासस नहीं मिला, ऐसे में राहुल के दावों पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।

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