राहुल गाँधी का एक और तीर लौटा उनकी ही तरफ, सिख दंगों वाले बयान पर साबित हुए 'झूठे'
राहुल गाँधी का एक और तीर लौटा उनकी ही तरफ, सिख दंगों वाले बयान पर साबित हुए 'झूठे'
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नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी कोशिशें तो करते है कि वे भाजपा और आरएसएस पर हमला कर उन्हें बैकफुट पर कर दें, इसके लिए उन्होंने राफेल, मॉब लिंचिंग, अविश्वास प्रस्ताव जैसे तमाम हथियार इस्तेमाल किए. पर इसे राहुल गाँधी कि बदकिस्मती कहा जाए या फिर उनकी फिसलती जुबान कि विपक्ष को निशाना बनाकर छोड़े गए उनके जुबानी तीर कई गुना गति के साथ उनकी ही तरफ लौट आते है. अभी जर्मनी में राहुल गाँधी ने भारत में आईएसआईएस बनने को लेकर जो बयान दिया था, उसपर भाजपा ने उनकी जमकर खिंचाई की थी. उसके बाद वे आरएसएस की तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड से करके आरएसएस के तीखे प्रहार झेल चुके है. अब उनके द्वारा विदेश में दिया गया एक और बयान उनके द्वारा किया हुआ सेल्फ गोल साबित हुआ है.

राहुल गाँधी ने 1984 में राजीव सरकार के दौरान हुए सिक्ख दंगों के बारे में अपनी विदेश यात्रा के दौरान बयान दिया कि सिक्ख दंगों में पार्टी का कोई हाथ नहीं था. उनके इस बयान के बाद आम आदमी, अकाली दल, बीजेपी और आरएसएस राहुल गाँधी पर भड़क गई है. अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बदल ने तो उनकी खिल्ली उड़ाते हुए कहा है कि "राहुल गाँधी ने लंदन में कहा कि 1984 के सिख दंगों में कांग्रेस का हाथ नहीं था, इसी तरह मैं भी अगर राहुल गाँधी के दिमाग से सोचु तो राजीव गाँधी और इंदिरा गाँधी की भी हत्या नहीं हुई थी, वे हार्ट अटैक से मरे थे."

 

वहीं 'आप' नेता एचएस फुल्का ने तो उन्हें खुली बहस की चुनौती दे डाली है, फुल्का ने कहा है कि यह पूरा नरसंहार राहुल के पिता राजीव गाँधी के पिता के ही इशारे पर हुआ था, उन्होंने राहुल को चुनौती देते हुए कहा कि मैं इसे साबित कर सकता हूँ. अब जब तमाम पार्टियां राहुल गाँधी को घेरने में लगी है तो बीजेपी कहाँ पीछे रहने वाली थी, उन्होंने राहुल गाँधी को ही झूठा साबित करते हुए एक वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है, जिसमे राहुल स्वीकारते नज़र आ रहे है कि सिख दंगों में कांग्रेस के कुछ लोग शामिल थे. यह वीडियो 2014 का है, जिसमे वे पत्रकार अर्नब गोस्वामी के सवालों का जवाब दे रहे है. बीजेपी द्वारा अपलोड किए गए इस वीडियो के आखिरी में राजीव गाँधी भी मंच से कहते नज़र आ रहे है, कि जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो हलचल होती ही है. यह क्लिप इंदिरा गाँधी के निधन के बाद की है, ज़हीर है राजीव किस हलचल की बात कर रहे है. 

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