राफेल मामले पर बेनकाब हुए राहुल गाँधी, पढ़िए कांग्रेस अध्यक्ष के 9 बड़े झूठ और सच्चाई
राफेल मामले पर बेनकाब हुए राहुल गाँधी, पढ़िए कांग्रेस अध्यक्ष के 9 बड़े झूठ और सच्चाई
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नई दिल्‍ली: लोकसभा चुनाव के चलते राफेल लड़ाकू विमान डील पर मची तकरार अब और तीखी हो चुकी है। शुक्रवार को जब एक प्रेस वार्ता में कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने राफेल डील पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी मोर्चा संभाल लिया। प्रेस वार्ता से शुरू हुई ये जंग अब सोशल मीडिया तक जा पहुंची है। भाजपा ने राहुल गांधी के एक-एक आरोप का उत्तर अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से दिया है। पार्टी ने  राहुल गांधी के नौ कथित झूठ का सिलसिलेवार ट्वीट में जवाब दिया है। 

भाजपा ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है ''राहुल गांधी बहुत बड़े झूठे हैं। पार्टी ने कहा है कि यदि 'द हिंदू' की खबर पर राहुल को इतना विश्वास था, तो उन्‍होंने उसे प्रमाण बनाकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा क्‍यों नहीं खटखटाया। उल्लेखनीय है कि, शुक्रवार को 'द हिंदू' अखबार में छपी एक खबर में सरकारी दस्तावेज के माध्यम से ये दावा किया गया कि रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने राफेल डील मामले पर पीएमओ द्वारा समानांतर बातचीत पर आपत्ति जताई है। राहुल ने इस खबर का हवाला देते ही पीएम मोदी पर आरोप लगाए थे। भाजपा ने राहुल की चुनौती स्वीकार करते हुए कहा है कि वे इस नए सुराग के साथ सुप्रीम कोर्ट जरूर जाएं। भाजपा ने अपने ट्विटर पर राहुल के एक-एक करके नौ झूठ गिनाए हैं, जो इस प्रकार से हैं, साथ ही इसके तथा भी पेश किए हैं।

नंबर 1: राहुल ने फ्रांसीसी मीडिया की रिपोर्ट को बदलते हुए यह बताने का प्रयास किया कि दसॉल्ट को भारत से सौदा करने के लिए अंबानी को ऑफसेट पार्टनर बनाना पड़ा। तथ्य: सुप्रीम कोर्ट और दसॉल्ट के सीईओ ने कहा है कि ऑफसेट पार्टनर का चुनाव करने में भारत सरकार का कोई हाथ नहीं था।

नंबर 2: राहुल ने यह भ्रांति फैलाने की कोशिश की, कि देश की सुप्रीम कोर्ट ने इस डील में गंभीर खामियां पाईं हैं। इसलिए उन्होंने विचाराधीन मामले में प्रोपेगेंडा फैलाने का प्रयास किया। तथ्य: अदालत ने कांग्रेस की शह पर अपील करने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ने इसमें कुछ भी गलत नहीं किया। 

नंबर 3: कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल ने दावा किया कि रक्षा मंत्रालय के बड़े अधिकारियों को राफेल सौदे के विरोध में डिसेंट नोट प्रस्तुत करने के लिए मोदी सरकार ने सजा दी। तथ्य: राहुल का यह झूठ बेनकाब हो गया जब अधिकारी ने खुद प्रेस वालों से बातचीत में किसी भी तरह की सजा से इनकार कर दिया। 

नंबर 4: राहुल ने कहा है कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद ने पीएम मोदी को चोर कहा और भारत सरकार ने उनसे रिलायंस को सौदे में शामिल करने के लिए कहा। तथ्य: फ्रांस सरकार ने खुद अपने आधिकारिक बयान जारी कर इन आरोपों को खारिज कर दिया। 

नंबर 5: राहुल ने संसद में भी झूठ बोले और कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने उनसे खुद कहा है कि इसमें कोई गोपनीय शर्त नहीं है। तथ्य: फ्रांस सरकार ने राहुल गाँधी के झूठ को खारिज करते हुए बयान जारी किया और कहा कि समझौता पार्टियों को क्लासिफाइड जानकारी साझा करने की मंजूरी नहीं देता। 

नंबर 6: राहुल ने यूपीए के दौरान इस डील की कई कीमतें गिनाईं, जैसे - संसद में उन्होंने कहा 520 करोड़ रुपए -कर्नाटक में कहा 526 करोड़ रुपए -राजस्थान में कहा 540 करोड़ रुपए -दिल्ली में कहा 700 करोड़ रुपए । तथ्‍य: असत्‍य बोलने के लिए राहुल को नोबेल मिलना चाहिए। 

नंबर 7: राहुल ने कहा कि मोदी सरकार ने सैन्य अधिग्रहण के नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया गया। तथ्य: सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि- हम इस बात से सहमत हैं कि इस प्रक्रिया पर वास्तव में संदेह करने का कोई सवाल नहीं उठता है। 

नंबर 8: राहुल ने कहा कि यूपीए ने 526/520/540 करोड़ रुपये में डील की जबकि मोदी सरकार ने यह डील 1600 करोड़ रुपए में की। तथ्‍य: राहुल गाँधी, सेब की तुलना संतरे से कर रहे हैं। एनडीए द्वारा बातचीत के माध्यम से निर्धारित की गई कीमत पूरे परिचालन पैकेज के साथ राफेल लड़ाकू विमान की है।

नंबर 9: राहुल ने कहा कि 36 विमान खरीदने का फैसला वायुसेना को नुकसान पहुंचाने और दोस्त को लाभ पहुंचाने के लिए लिया गया। तथ्य: सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि यह फैसला सैन्य तैयारियों को ध्यान रखते हुए लिया गया और वायुसेना प्रसन्न है।

आपको बता दें कि राफेल मामले पर राहुल गाँधी के सारे बयान एक के बाद एक ख़ारिज कर दिए गए हैं, इसके साथ ही सदन में उन्हें अरुण जेटली ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी पढ़कर बताया था, जिसमे अदालत ने कहा था कि कोर्ट को गवर्नमेंट ने सील बंद लिफाफे में राफेल की कीमत से सम्बंधित सारी जानकारी दी थी, जिसकी सत्यता को प्रमाणित करने के बाद अदालत इस मामले पर सरकार को क्लीन चिट देती है। हालाँकि इन सबके बाद भी राहुल जनता को भ्रम में डालकर राजनितिक लाभ पाने के लिए पीएम मोदी के खिलाफ हर मंच से झूठ फैला रहे हैं।

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