'तकिए के साथ बनाओ संबंध...', अब सस्पेंड हुए इंदौर मेडिकल कॉलेज के 11 छात्र
'तकिए के साथ बनाओ संबंध...', अब सस्पेंड हुए इंदौर मेडिकल कॉलेज के 11 छात्र
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इंदौर: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के सरकारी महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में MBBS के जूनियर विद्यार्थियों से रैगिंग के मामले में 11 सीनियर विद्यार्थियों को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त निलंबन के चलते कॉलेज हॉस्टल में एंट्री पर पाबंदी लगाई गई है। कॉलेज की एंटी-रैगिंग कमेटी की तहकीकात के पश्चात् यह फैसला लिया गया है।

दरअसल, 24 जुलाई 2022 को सरकारी महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में MBBS के सीनियर विद्यार्थियों द्वारा प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों की रैगिंग का मामला सामने आया था। जूनियर विद्यार्थियों ने आरोप लगाया था कि सीनियर्स ने उनसे अश्लील हरकतें करवाईं थीं, उन्हें तकिए के साथ संबंध बनाने के लिए कहा गया तथा क्लास की छात्रों के नाम लेकर उसके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए भी कहा गया। विद्यार्थियों ने सीनियर विद्यार्थियों के खिलाफ रैगिंग और हैरेसमेंट की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने एक छात्रा की शिकायत पर रैगिंग करने वाले सीनियर विद्यार्थियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। वहीं एक छात्रा ने यूजीसी की एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन पर रैगिंग तथा हैरेसमेंट की शिकायत की थी।

यूजीसी ने एमजीएम कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित को छात्रा की शिकायत के सिलसिले में खबर दी तथा दोषी विद्यार्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए कहा। बाद में इसकी खबर पुलिस को दी गई और कॉलेज ने एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक बुलाई। कमेटी की बैठक में FIR कराने का फैसला हुआ जिसके पश्चात् शिकायती पत्र पुलिस को भेजा गया। डीन संजय दीक्षित ने बताया कि रैगिंग की पुलिस जांच के पश्चात् 11 सीनियर विद्यार्थियों को तुरंत सस्पेंड कर दिया गया तथा निलंबन अवधि के चलते कॉलेज के हॉस्टल में रहने से रोक दिया गया। उन्होंने कहा, 'MBBS कोर्स के ये 11 सीनियर छात्र पुलिस तहकीकात के चलते रैगिंग में सम्मिलित पाए गए। तत्पश्चात, कॉलेज की एंटी-रैगिंग कमेटी ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का फैसला किया।' इस घटना के सामने आने के बाद, डीन ने दावा किया था कि रैगिंग की घटना कॉलेज या हॉस्टल में नहीं हुई थी, जिसमें जूनियर्स से अश्लील हरकतें की गई थीं। संयोगितागंज थाने के इंस्पेक्टर तहजीब काजी ने कहा कि एक पीड़ित छात्र द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की हेल्पलाइन पर याचिका दायर करने के पश्चात् कॉलेज प्रबंधन ने 24 जुलाई को पुलिस में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने एक विस्तृत जांच तथा बयान दर्ज करने के बाद 11 विद्यार्थियों की पहचान की। नौ विद्यार्थियों को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के नोटिस दिए जाने के बाद छोड़ दिया गया, जिसमें कहा गया है कि उन्हें पुलिस तहकीकात में सहयोग करना चाहिए और पेश होना चाहिए जबकि पुलिस इस मामले में दो विद्यार्थियों की तलाश कर रही है।

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