भोपाल: व्यापम घोटाला मामले पर मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल से जुड़े वन रक्षक भर्ती परीक्षा मामले में प्रदेश के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को सीबीआई दोबारा आरोपित बनाने की तैयारी जुट गई है. वहीं, यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि सात महीने पहले ही केंद्रीय जांच एजेंसी ने व्यापमं मामलों की सुनवाई के लिए भोपाल में गठित विशेष अदालत में पेश चालान में लिखा था कि पूर्व मंत्री शर्मा के खिलाफ इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं मिल मिल पाए है.
वहीं, इस आधार पर मामले के आठों आरोपितों को क्लीनचिट मिल चुकी थी. इस मामले पर दोबारा आरोपित बनाए जाने को लेकर सीबीआई की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. मामले में अंतिम चालान पेश होने के कारण से सीबीआई को कोर्ट की अनुमति भी लेनी होगी. कोर्ट चाहेगी तो संज्ञान लेकर शर्मा को आरोपित बनाने का आदेश दे सकती है.
वन रक्षक परीक्षा भर्ती परीक्षा मामले का प्रारम्भ में जांच कर रही मध्य प्रदेश पुलिस की एसटीएफ ने पूर्व मंत्री शर्मा को आरोपित बनाया था. कुछ समय पश्चात् में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर यह जांच सीबीआई को सौंपी दी थी. वहीं, सीबीआई ने 6 अगस्त 2019 में भोपाल की अदालत में चालान पेश कर बताया था कि पूर्व मंत्री शर्मा के खिलाफ कोई सुबूत नहीं मिले हैं. इस कारण से इन्हें आरोपित नहीं बनाया गया है.
सीबीआई सूत्रों ने बताया है कि इस मामले में अंतिम चालान पेश हो गया है. वहीं, पूरा मामला कोर्ट के पास पहुंच चुका है. कोर्ट चाहेगी तो इस मामले में दोबारा जांच के निर्देश भी दे सकती है या फिर सीधे तौर पर पूर्व मंत्री शर्मा को इस मामले में आरोपित बनाने के निर्देश दे सकती है. सीबीआई का मानना है कि व्यापमं घोटाले की अन्य परीक्षाओं की तरह इसमें भी इन्हें आरोपित बनाया जाना चाहिए. यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो इसका फायदा उन्हें दूसरे मामलों में भी मिल जाएगा. शर्मा को एसटीएफ ने परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा में भी आरोपित बनाया था. इस मामले में सीबीआई ने पिछले जो चालान पेश किया है उसमें क्लीनचिट दे दी गई थी.
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