OROP की मंजूरी पर सरकार का धन्यवाद, मगर उलझे हैं अभी सवाल : पूर्व सैनिक
OROP की मंजूरी पर सरकार का धन्यवाद, मगर उलझे हैं अभी सवाल : पूर्व सैनिक
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नई दिल्ली : रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर द्वारा वन रैंक वन पेंशन को लागू किए जाने की घोषणा के बाद धरना देने वाले पूर्व सैनिकों ने अपनी बात रखी। इस दौरान पूर्व सैनिकों ने पत्रकारों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस योजना पर 8 हजार से 10 हजार करोड़ रूपए वहन किए जाऐंगे। यह पेंशन स्कीम 1 जुलाई 2014 से लागू होगा। पूर्व सैनिकों ने कहा कि कुछ बातों पर रक्षामंत्री ने स्पष्टतौर पर नहीं कहा। जिसमें टाॅप रैंक को लेकर की गई बात शामिल थी। पूर्व सैनिकों ने वन रैंक वन पेंशन की घोषणा पर संतुष्टि जताई। उन्होंने कहा कि सरकार की बात हमें मान्य है। पूर्व सैनिकों ने कहा कि वीआरएस वाले मसले पर उन्होंने जो बात कही उसमें यह स्पष्टीकरण नहीं है कि सेना में स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति नहीं होती। पूर्व सैनिकों ने कहा कि 40 प्रतिशत सैनिक ऐसे होते हैं जिन्हें प्री रिटायरमेंट मिलता है ऐसे में सेना क्षेत्र के लिए वीआरएस वाला इश्यु लागू नहीं होना चाहिए।

पूर्व सैनिकों ने कहा कि सरकार ने पेंशन योजना की समीक्षा की जो बात कही है वह हमें मंजूर नहीं है। इस मामले में उन्होंने 5 सदस्यों की कमेटी की बात कही जिसमें 3 सदस्य पूर्व सैनिकों और 1 सर्विंग का नियुक्त किए जाने की मांग की। पूर्व सैनिकों ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन को लेकर कहा कि एक सदस्यीय न्यायिक आयोग पूर्व सैनिकों को मंजूर नहीं है।

पूर्व सैनिकों ने सरकार की औपचारिक मंजूरी पर सरकार को धन्यवाद दिया लेकिन इसके प्रावधानों पर पूर्व सैनिक सरकार से असंतुष्ट नज़र आए। उल्लेखनीय है कि यदि वन रैंक वन पेंशन स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति वाले सैनिकों पर लागू नहीं किया जाएगा तो ऐसे में शाॅर्ट सर्विस कमीशन में शामिल होने वाले सैनिक इस पेंशन स्कीम का लाभ लेने से वंचित रह सकते हैं। 

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